बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) एक ओर जहाँ सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने तमाम कवायदे की जा रही है,तो वही बलरामपुर जिले के डूमरखोरका प्राइमरी और मिडिल स्कूल समय से पहले बन्द हो जाते है,और मध्यान्ह भोजन भी बच्चों को नही दी जाती,तो वही विभाग के आला अधिकारी जांच के बाद कार्यवाही का पहाड़ा पड़ रहे है।
बलरामपुर जिलामुख्यालय से महज 20 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत भेलवाडीह के आश्रित ग्राम डूमरखोरका में सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल समय से पहले ही बंद हो जाता है,गाँव के इस स्कूल में पदस्थ शिक्षक स्कूल भी पहुँच जाए तो अपना समय बिताकर वापस चले आते है,यही नही इस स्कूल में शासन के उन तमाम नियमो को दरकिनार कर बच्चो को मध्यान्ह भोजन भी नही दिया जाता,और शिक्षकों के भय से बच्चे कुछ भी बोलने बताने से कतराते है।
समूह की महिला ने कहा, आज बाजार है साहब
वही मध्यान्ह भोजन बनाने वाली स्वयं सहायता समूह की माने तो बुधवार को साप्ताहिक बाजार होने की वजह से निर्धारित समय से एक घण्टे पहले ही स्कूल की छुट्टी कर दी गई,और मध्यान्ह भोजन बच्चो की कम उपस्थिति के चलते नही बनाया गया।
कार्यवाही करेंगे
जिला शिक्षा अधिकारी शासन के नियम अनुसार सुबह 10 बजे से 4 बजे तक स्कूल खुला रखने,और 1 से 2 के बीच मध्यान्ह भोजन दिए जाने की बात कह रहे है,इसके अलावा वे इस मामले में जांच कर कार्यवाही कराने का हवाला दे रहे है।
शिक्षा गुणवत्ता की हकीकत
मुख्यालय से लगे क्षेत्र में इस तरह की लापरवाहियां उजागर होने से निश्चित तौर पर विभाग की फजीहत होना तो लाज़मी है,लेकिन इस लापरवाही के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्यवाही मात्र से ही शिक्षा का स्तर सुधर जाए यह कह पाना तो मुश्किल ही है,क्योकि मुख्यालय के आसपास के ये हालात है तो दुरस्त इलाको के सरकारी स्कूलों का स्तर क्या हो सकता है?इसका सहज अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है।