गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जिला अस्पताल में शव वाहन नहीं मिलने से परेशान स्वजन आटो में शव को लेकर घर लौटे। झाबर गांव में कच्चे मकान को तोड़ने के लिए ठेके पर काम किया जा रहा था। इसमें मजदूर नीरज सिंह मराबी (27 वर्ष) भी कच्चे मकान को तोड़ने का काम कर रहा था। इस दौरान मकान का एक हिस्सा उसके ऊपर गिर गया। इससे घायल मजदूर को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान मजदूर नीरज मरावी की मौत हो गई। अस्पताल से बिना शव वाहन के मृतक के परिजन को सौंप दिया गया।
वहीं शव वाहन नहीं मिलने के कारण मृतक के स्वजन प्रायवेट वाहन से 1500 सौ रुपये किराया देकर पोस्टमार्टम के लिए इंदिरा गार्डन के पास लेकर गए। आस्पताल प्रबंधन द्वारा न तो शव को मुक्तिांजलि वाहन मुहैया कराया गया। उनके पास के कपड़े नहीं होने पर शव को जमीन में बिछाने वाली चटाई को ओढ़ाकर आटो में पहुंचे। उन्होंने गांव पहुंचकर अंतिम संस्कार कराया। स्वजन ने बताया कि हद तो तब हो गई जब पोस्टमार्टम हाउस में शव लेकर परिजन आटो में पहुंचे तो आटो से पोस्टमार्टम गृह तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
मंगलवार की निधन होने के बाद दूसरे दिन बुधवार को पीएम कराया जा सका। पोस्टमार्टम होने के बाद करीब 11:30 बजे शव लेकर लौटे। हालांकि पेंड्रा पुलिस सूचना पर मर्ग कायम कर अकस्मात हुई मौत में के मामले में जांच में जुट गई है। स्वजन का कहना है कि इस प्रकार की मानवीय संवेदनशीलता को ताक में रखकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया।