जांजगीर चाम्पा। किशोरी से छेड़ाखानी के मामले में जेल में बंद पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अंकित सिसोदिया बीमारी का बहाना बनाकर सप्ताह भर से जिला अस्पताल जांजगीर के पेइंग वार्ड में आराम फरमा रहा है। बड़ी बात यह है कि आरोपी के हाथों में न ही हथकड़ी लगी है न ही मौके पर कोई पुलिस जवान तैनात है। जो भ्रष्ट लापरवाह सिस्टम की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है।
दरअसल, पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अंकित सिसोदिया ने पिछले माह जिला न्यायालय में आत्म समर्पण किया था जिसको न्यायिक हिरासत में खोखरा भाठा जेल भेज दिया गया था। फिलहाल मामले की सुनवाई विशेष पाक्सो कोर्ट में चल रही है। इधर, आरोपी अंकित सिसोदिया का कुछ दिन ही जेल में व्यतीत हुआ था कि बीमारी का बहाना बनाकर सप्ताह भर से जिला अस्पताल के पेइंग वार्ड में आराम फरमा रहा है। मामले की जानकारी लेने जब हमारी टीम 7 अप्रेल रात साढ़े आठ बजे जिला अस्पताल पहुंची। तब पेइंग वार्ड में अंकित सिसोदिया अराम फरमाता दिखा। न उसके हाथो में हथकड़ी थी न ही सुरक्षा में कोई जवान तैनात था।
पूछताछ में पता चला कि अंकित सिसोदिया बवासीर के कारण अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से भर्ती है। लेकिन अबतक उसको बवासीर में अराम नहीं मिला है। जबकि बड़ी-बड़ी बीमारी वाले कैदियों को ईलाज कराकर एक दो दिनों में वापस जेल भेज दिया जाता है। लेकिन पैसों व उंची पहुंच वाले लोगों में ऐसा देखने को नहीं मिलता। यही अंकित सिसोदिया मामले में हो रहा है।
क्या है मामला..
पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अंकित सिसोदिया के ऊपर अकलतरा थाना क्षेत्र में नाबालिक युवती से छेड़छाड़ करने का आरोप था पीड़िता ने 19 अगस्त 2022 को अकलतरा थाने में आरोपी अंकित सिसोदिया के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत 354,506 ख के तहत मामला दर्ज कराया था पुलिस के अनुसार आरोपी अंकित सिसोदिया नाबालिग युवती को लगातार रास्ते में छेड़कानी करता था। जिससे परेशान युवती ने उसकी जानकारी परिजनों को दी थी। तब जाकर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद से आरोपी पुलिस के पकड़ से फरार था। जिसके खिलाफ विपक्षी दलों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। पूरा मामला खूब सुर्खियों में छाया था। पुलिस के लगातार छापेमारी और भागमभाग से थक हारकर आखिरकार सात माह बाद मार्च 2023 में आरोपी अंकित सिसोदिया ने जिला न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया। जिसके बाद से खोखरा भाठा जेल में बंद है।
जेल पहुंचते ही उभर आती है दबी बीमारी…
बड़े-बड़े माफिया, गुण्डा बदमाश जेल के नाम पर रोग ग्रस्त हो जाते है। वर्षो पुरानी बीमारी अचानक से जेल पहुंचते ही बाहर आ जाती है। जो जिला अस्पताल के पेइंग वार्ड में जाकर ही आराम पाते है। कुछ ऐसा ही जिला अस्पताल जांजगीर में देखने को मिल रहा है। जहां कैदी अराम फरमाते दिख रहे है। अंकित सिसोदिया भी खूनी बवासीर को लेकर पिछले एक सप्ताह से पेइंग वार्ड में आराम फरमा रहा है। जिसको वीआईपी सुख सुविधाएं प्रदान की जा रही है।