भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी के ग्रुप-बी का मैच खेला जाना है, लेकिन ये मैच किसी क्वॉर्टर फाइनल से कम नहीं है, जो भी टीम जीतेगी वो सेमीफाइनल में पहुंचेगी और हारने वाली टीम की घर वापसी होगी। 2002 की चैम्पियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल मुकाबला इन्हीं दो टीमों के बीच हुआ था और इस मैच में जो कुछ भी हुआ था, उस पर विश्वास कर पाना मुश्किल था।
मैच श्रीलंका के कोलंबो में खेला जा रहा था। टीम इंडिया ने टॉस जीता और उस समय के कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। युवराज सिंह (62), वीरेंद्र सहवाग (59) और राहुल द्रविड़ (49) की बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया ने 50 ओवर में 9 विकेट पर 261 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीकी बैटिंग लाइन-अप को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि भारत का चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर जाना तय है।
14 रनों के स्कोर पर ग्रीम स्मिथ 4 बनाकर आउट हो गए, लेकिन इसके बाद हर्शल गिब्स (116) और जैक्स कालिस (97) के बीच दूसरे विकेट के लिए 178 रनों की पार्टनरशिप हुई। मैच का पासा तब पलटा जब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 192 पहुंचा था और गिब्स को रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा। यहां से मैच का नक्शा ही बदल गया। एक समय था द. अफ्रीका को 90 गेंद पर 74 रनों की दरकार थी और उसके 9 विकेट बचे थे। गिब्स रिटायर्ड हर्ट हुए और हरभजन सिंह ने जोंटी रोड्स और बोएटा डिप्पनार को पवेलियन भेजा। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने मार्क बाउचर, कालिस और लांस क्लूजनर आउट कर भारत को जीत दिलाई। दक्षिण अफ्रीका ने 10 रन से मैच गंवाया था। इस मैच में किसी को उम्मीद नहीं थी कि टीम इंडिया मैच जीतेगी। फाइनल मैच हालांकि बारिश की भेंट चढ़ा था और भारत-श्रीलंका संयुक्त विजेता बने थे।