• बाहरी पशुओं के परिवहन, पशुमेला व प्रदर्शनी प्रतिबंधित
Surguja News: मवेशियों विशेष रूप से गाय व भैंसों में फैलने वाली खतरनाक संक्रामक बीमारी लम्पी के जिले में संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सतर्क है। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिले के मवेशियों में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाकर 15 दिन में पूरा कराएं। एहतियात के तौर पर जिले में पशु परिवहन, पशुमेला व पशु प्रदर्शनी पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए है। कलेक्टर के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा सोमवार से जिले के मवेशियों में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले के मवेशियों में अब तक लम्पी बीमारी के कोई लक्षण नहीं मिले है। कलेक्टर के निर्देश पर विभाग द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। वैक्सीन के दस हजार डोज क्रय कर सभी विकासखंडों को वितरित किया गया है। विभाग के पूरे मैदानी अमले टीकाकरण कार्य में जुटे है। उन्होंने बताया कि संचालक चंदन त्रिपाठी (पशुधन विकास विभाग रायपुर) द्वारा पशु परिवहन के मद्देनजर अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने के निर्देश दिए हैं।
पशु चिकित्सक डॉ सीके मिश्रा ने बताया कि मवेशियो में लम्पी बीमारी वायरस के कारण हो रही है, यह बहुत ही संक्रामक है एवं इसका फैलाव मच्छरों, मक्खियों के साथ पशुओं की लार, दूषित जल व भोजन के माध्यम से हो रहा है। इस रोग में विशेष रूप से पशुओं के मूंह, गर्दन थनों, जंननगो के आस-पास सख्त उभरे हुए गांठ विकसित होते हैं। गांठो के फूटने पर बड़े छेद हो जाते है जिससे तरल निकलते रहता है जिससे संक्रमण और फैलता है। पशुओं में बुखार और उनके लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाता है। जिसके कारण दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है, और दुग्ध उत्पादन घटने के कारण किसान को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रोग से बचाव-
गांठदार त्वचा रोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए पशुपालकों को कई बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। पशुशाला या डेयरी में लोगों व अन्य पशुओं के आवाजाही को रोकना आवश्यक है। परजीवी नियंत्रण और टीकाकरण से पशुओं को पूरी तरह से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। पशुशाला के आस पास पानी इकट्ठा न होने दें। ताकि मच्छर मक्खी उसमे न पैदा हो, शेड में एन्टी वायरल दावा का छिड़काव समय समय पर करते रहें। तो पूरी तरह से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। पशुशाला के आस पास पानी इकट्ठा न होने दें। ताकि मच्छर मक्खी उसमे न पैदा हो, शेड में एन्टी वायरल दावा का छिड़काव समय समय पर करते रहें।