Success Story : ठोस रणनीति और मजबूत इच्छाशक्ति से सपना किया पूरा, एक्टिंग छोड़ शुरू की सिविल सर्विसेज की तैयारी, बनें अधिकारी

UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story

UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story : सिविल सर्विसेज की तैयारी में सफलता पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें सफलता प्राप्त करने के लिए न केवल अद्वितीय समर्पण और कठोर मेहनत की आवश्यकता होती है, बल्कि एक ठोस रणनीति और मजबूत इच्छाशक्ति भी जरूरी होती है। आज हम आपको एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी बताने जा रहे हैं, जो यह साबित करती है कि अगर सच्ची लगन और मेहनत हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। यह कहानी है अभय डागा की, जिन्होंने अपनी विविधतम पृष्ठभूमि और अनुभव के बावजूद यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है।

Random Image

अभय डागा: एक नई राह की तलाश में

अभय डागा, महाराष्ट्र के वर्धा जिले के निवासी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके परिवार का मुख्य ध्येय मेडिकल फील्ड में रहा है। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, और अभय ने भी शुरूआत में अपने करियर की दिशा उसी क्षेत्र में सोचने की कोशिश की। लेकिन अभय का रास्ता कुछ और ही था। स्कूल की पढ़ाई के लिए उन्होंने हैदराबाद का रुख किया, जहाँ उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की। यहाँ उन्होंने कड़ी मेहनत की और इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए।

आईआईटी खड़गपुर की ओर कदम

अभय की मेहनत का फल मीठा साबित हुआ और उन्हें आईआईटी खड़गपुर में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के लिए प्रवेश मिला। लेकिन आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई करते समय अभय ने एक नया शौक खोज लिया – एक्टिंग। आईआईटी के कैम्पस में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और थियेटर प्रोग्राम्स में भाग लेने से अभय को एक्टिंग में रुचि बढ़ी। यह समय उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ जब उन्हें स्टार प्लस के सीरियल “सीता के राम” में काम करने का मौका मिला। यह अनुभव उनके लिए एक नया सपना लेकर आया, और वह बॉलीवुड में करियर बनाने के प्रति उत्साहित हो गए।

प्रोफेशनल करियर में कदम

आईआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएशन के बाद, अभय ने 2018 में माइक्रोसॉफ्ट में एक नौकरी शुरू की, जहाँ उन्होंने साइबर सिक्योरिटी टीम में काम किया। यहां उन्होंने अपने पेशेवर कौशल का विकास किया और विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना किया। लेकिन साथ ही, उन्होंने देखा कि यूपीआई के बढ़ते चलन के साथ देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे थे, जिससे उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में समाज की भलाई के लिए सोचना शुरू किया।

यूपीएससी की तैयारी: एक नया अध्याय

साल 2021 में, अभय ने एक साहसिक निर्णय लिया और अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निश्चय किया, जिससे उनके परिवार और दोस्तों को भी आश्चर्य हुआ। दो साल की कठिन और निरंतर मेहनत के बाद, अभय ने 2023 में यूपीएससी की परीक्षा दी और शानदार 185वीं रैंक प्राप्त की। यह उनके जीवन की एक नई शुरुआत थी, जो उनकी मेहनत, समर्पण और मानसिक मजबूती का प्रमाण था।

यूपीएससी की तैयारी: कैसे किया अभय ने इसे सफल?

अभय की सफलता की कहानी में कई महत्वपूर्ण तत्व हैं जो अन्य aspirants के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकते हैं:

  1. सशक्त समय प्रबंधन: अभय ने अपने समय का प्रबंधन इस तरह किया कि वह अपनी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी कर सके।
  2. निरंतर प्रयास: वह लगातार दो साल तक मेहनत करते रहे, जिसमें उन्होंने अपनी कमजोरियों को समझा और उन पर काम किया।
  3. सकारात्मक सोच: अभय की सफलता की कुंजी उनकी सकारात्मक सोच और आत्म-विश्वास था, जो उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव से हासिल किया।

अभय का संदेश

अभय डागा की कहानी यह दिखाती है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सिर्फ मेहनत और समर्पण ही नहीं, बल्कि सही दिशा और रणनीति की भी आवश्यकता होती है। उनका जीवन यह संदेश देता है कि भले ही शुरुआत अलग-अलग दिशा में हुई हो, लेकिन सही मार्गदर्शन और मेहनत से आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

आज अभय डागा की सफलता की कहानी एक प्रेरणा बन चुकी है, और यह साबित करती है कि अगर दिल से किसी चीज को चाहा जाए और उसे पाने के लिए ईमानदारी से मेहनत की जाए, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। अभय की इस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सफलता के लिए न केवल बेहतर तैयारी की आवश्यकता होती है, बल्कि एक सच्चे समर्पण और लगन की भी जरूरत होती है।