Success Story : कभी सिनेमा हॉल में नौकरी तो कभी किया होटल में वेटर का काम, आर्थिक चुनौती का किया सामना, संघर्ष कर पास की UPSC परीक्षा, बने IAS

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IAS Success Story, Success Story, UPSC Success Story : यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए सही रणनीति के साथ बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जयगणेश को पढ़ाई के लिए अपना घर छोड़कर कभी सिनेमा हॉल में नौकरी तो कभी होटल में वेटर का काम करना पड़ा।

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आईएएस के जयगणेश की सफलता की कहानी

जयगणेश की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है जो हमें दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर इरादा मजबूत हो, तो सफलता निश्चित है। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में जन्मे जयगणेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।

उनके पिता एक कारखाने में मामूली कर्मचारी थे और परिवार के पास सीमित संसाधन थे। जयगणेश ने अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर बड़ा सपना देखा और उस दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।

शिक्षा और प्रारंभिक संघर्ष

जयगणेश ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल से पूरी की और इसके बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने थांथी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें एक मजबूत आधार दिया, लेकिन उन्हें पता था कि एक अच्छी नौकरी पाने के लिए ये डिग्रियाँ ही पर्याप्त नहीं हैं।

परिवार की जिम्मेदारियाँ और संघर्ष

जयगणेश चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे, और परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उनके कंधों पर था। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने के साथ-साथ परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई छोटे-मोटे काम किए। उन्होंने सिनेमा हॉल में नौकरी की और होटल में वेटर का काम भी किया। इन कामों से मिली आय ने उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद की, लेकिन कभी-कभी इन कामों ने उनकी परीक्षा की तैयारी को भी प्रभावित किया।

यूपीएससी की तैयारी और असफलताएँ

जयगणेश ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की, लेकिन पहले कुछ प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्हें 6 बार असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी तैयारी को और बेहतर करने का प्रयास किया। अपने असफल प्रयासों से सीखी गई गलतियों को सुधारते हुए उन्होंने अपने 7वें प्रयास में पूरी दृढ़ता और समर्पण के साथ परीक्षा की तैयारी की।

सफलता की ऊँचाइयाँ

2008 में जयगणेश ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 156 हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गए। यह उनकी मेहनत, धैर्य और संकल्प का परिणाम था। उनके सातवें प्रयास में मिली सफलता ने साबित कर दिया कि अगर किसी के पास ठान लेने की ताकत हो, तो असंभव कुछ भी नहीं है।

अंतिम प्रयास में चुनौतियाँ

जयगणेश के अंतिम प्रयास के दौरान उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के लिए भी चयनित किया गया था। उस समय उनके सामने एक कठिन निर्णय था—या तो वे आईबी के प्रस्ताव को स्वीकार करें या फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखें। जयगणेश ने यूपीएससी परीक्षा का चयन किया और 2008 में सफलता प्राप्त की।