UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story : यूपीएससी एग्जाम भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। कई बार असफलता का सामना करने के बावजूद यदि व्यक्ति में दृढ़ संकल्प और सही दिशा में मेहनत करने की लगन हो तो सफलता अवश्य मिलती है। आईएएस अंजू शर्मा की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने अपनी असफलताओं को सफलता के मार्ग पर एक सीढ़ी के रूप में प्रयोग किया और यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
अंजू शर्मा की यात्रा की शुरुआत आसान नहीं थी। 12वीं कक्षा में उन्होंने अर्थशास्त्र में फेल किया और 10वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। इन विफलताओं के बाद उनके आत्मविश्वास को गहरा धक्का लगा लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय अपनी कमजोरियों को समझने और सुधारने का फैसला किया।
अंजू शर्मा की मां ने इस कठिन समय में उनका समर्थन किया, जिससे उन्हें आत्मबल मिला और वे एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ी। उन्होंने फेल होने के बाद पढ़ाई को गंभीरता से लिया और अपनी कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित किया।
कॉलेज में नए सिरे से शुरुआत
अंजू शर्मा ने कॉलेज में एक नई शुरुआत की। उन्होंने पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया और अपनी मेहनत के दम पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जयपुर से बीएससी और एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उनके पहले प्रयास में ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी बनीं। यह उनकी लगन, मेहनत और आत्मविश्वास की कहानी है, जो हर व्यक्ति को प्रेरित करती है।
करियर में सफलताएँ और योगदान
आईएएस अंजू शर्मा ने 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें गांधीनगर में कलेक्टर का पद भी शामिल है। उनके कार्यकाल में, उन्होंने प्रशासनिक सुधारों और विकासात्मक परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंजू शर्मा की कहानी यह दिखाती है कि असफलताओं के बावजूद निरंतर प्रयास, सही दिशा में मेहनत और आत्मविश्वास से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सफलता के प्रमुख मंत्र
अंजू शर्मा की कहानी से हमें कई महत्वपूर्ण सिखने को मिलती हैं। सबसे पहली बात, असफलता का सामना करने के बाद भी हार मानने की बजाय, हमें अपनी कमजोरियों को सुधारने और सही दिशा में मेहनत करने की आवश्यकता होती है। उनकी सफलता की कुंजी उनकी कठोर मेहनत, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प में निहित है।
साथ ही, यह भी स्पष्ट होता है कि परिवार और दोस्तों का समर्थन असफलता के दौर में बहुत महत्वपूर्ण होता है। अंजू शर्मा की मां ने मुश्किल समय में उनका साथ दिया, जिससे उन्हें आत्मबल मिला और वे सफलता की ओर अग्रसर हो सकीं।