Success Story, IPS Success Story, UPSC Success Story : भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बनना कोई आम बात नहीं है, लेकिन जिन्होंने 33 बार की परीक्षा में हार का सामना कर बार-बार असफल होने के बावजूद अपने सपने को पूरा किया, उनकी कहानी निश्चित रूप से प्रेरणा देने वाली है। इस कहानी का हीरो हैं आदित्य कुमार, जो राजस्थान के गांव से उच्च अध्ययनों में धाराप्रवाह होकर अखिल भारतीय संघ (UPSC) की अधिकारी बने हैं।
अजीतपुरा के छोटे से गांव से शुरूआत
आदित्य कुमार का जन्म और बचपन राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के अजीतपुरा नामक गांव में हुआ। वहां के छोटे से परिवार में उन्हें शिक्षा का प्रावधान करने में कई कठिनाइयां आई, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहे। यही शिक्षा का ध्यान आदित्य को बड़े होते हुए भी उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हुआ।
उच्च अध्ययनों में प्रवेश और सपना
आदित्य का सपना सरकारी नौकरी में जाने का बचपन से ही था। उन्होंने हिंदी माध्यम से पढ़ाई की और कक्षा 12वीं पास करने के बाद से ही UPSC की परीक्षा को क्रैक करने का लक्ष्य तय कर लिया था। उन्होंने इस लक्ष्य के साथ ही दिल्ली आकर UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन यह सफलता का सफर आसान नहीं था।
सफलता का सफर: असफलता से बार-बार टकराया
आदित्य कुमार का यह सफर सामान्य नहीं था। उन्होंने अपनी पहली UPSC परीक्षा दी और उसमें भी प्रीलिम्स पास नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने मेहनत और तैयारी में और भी जोर दिया, लेकिन उन्हें तीन बार यूपीएससी मेन्स परीक्षा में भी सफलता नहीं मिली। लोगों ने उनकी सफलता पर सवाल उठाए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहे।
कठिनाईयों से भी हार नहीं मानी
आदित्य ने अपने जीवन में कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन वे हार नहीं माने। उन्होंने यकीन रखा और अपनी मेहनत और प्रयासों में कमीयाँ देखकर उन्होंने अगली परीक्षा की तैयारी शुरू की। वर्ष 2017 में उन्होंने अपने दूसरे में ही UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की और अपने सपने को पूरा किया।
2018: सफलता की मुलाकात
वर्ष 2018 में आदित्य कुमार ने UPSC परीक्षा में 630वीं रैंक हासिल की, जिससे उन्हें IPS कैडर मिला। उनकी सफलता ने न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को भी गर्वान्वित किया। आज उन्हें पंजाब के संगरूर जिले में IPS अधिकारी के रूप में सेवा दे रहे हैं।
जीवन में बदलाव
आदित्य कुमार की कहानी न केवल उनके उद्यम, धैर्य और निरंतर प्रयासों का परिचायक है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि किसी भी कठिनाई से निराश होने का अधिकार हमें नहीं होता। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगन, आत्मसमर्पण और दृढ़ निश्चय के साथ काम किया और अंततः अपनी मेहनत का संबल प्राप्त किया।
आदित्य कुमार की इस कड़ी में उनके परिवार का साथ, उनके शिक्षकों की मार्गदर्शन और उनके स्वयं के अंदर की उस अद्भुत ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हमारा लक्ष्य स्पष्ट है और हम उसे प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प से प्रयासरत हैं, तो कोई भी कठिनाई हमें रोक नहीं सकती। उनकी कहानी हमें स्वीकार करने के लिए प्रेरित करती है कि सफलता का सफर हमेशा कठिन होता है, लेकिन वह संभव है।