Success Story, Motivational Story, UPSC Success Story : आकाश चावड़ा… उम्र थी महज तीन साल, जब कुदरत ने उसके सिर से मां का हाथ छीन लिया। पिता खाड़ी देश में नौकरी करते थे और मजबूरी ऐसी थी कि बेटे को संभालने के लिए आ नहीं सकते थे। इसलिए, उन्होंने बेटे को एक हॉस्टल में डाल दिया। हर महीने उसके खर्च के लिए रुपए भेजते रहते थे। लेकिन, एक बच्चे को आखिरकार चाहिए तो मां-बाप का प्यार ही ना। मां साथ छोड़कर जा चुकी थीं और पिता नौकरी में व्यस्त थे। तो उसने ठान लिया कि यहां से आगे का जीवन उसे अपने बलबूते पर अकेले ही तय करना है। जिस वक्त हॉस्टल में बाकी बच्चे सोते थे, वो अपनी किताबों के पन्ने पलटता था।
जिस हॉस्टल में वो रहता था, वहां के वॉलिंटयर ही उसके भाई, बहन और पिता… सबकुछ थे। पिता उससे मिलने भी कम ही आ पाते थे, लेकिन उसे मलाल ना था। वो समझता था कि जीवन यही है। लेकिन, कुदरत ने उसके लिए शायद कुछ और बुरा सोच रखा था। जब उसकी उम्र महज 13 साल थी और वो 9वीं क्लास में पढ़ता था, तो खबर आई कि उसके पिता का भी निधन हो गया है। उसे लगने लगा कि उसका जीवन अब इसी हॉस्टल में एक अनाथ के तौर पर गुजरेगा। लेकिन, इसी दौरान मदद के लिए एक हाथ उसकी तरफ बढ़ा। उसके चचेरे भाई, जो राजमिस्त्री का काम करते थे, आकाश को अपने घर ले आए।
Success Story : दो कमरों के घर से शुरू की यूपीएससी की तैयारी
आकाश को उसके चचेरे भाई ने रहने के लिए छत दी। इंडियन मास्टरमाइंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, घर तो महज दो कमरों का था, लेकिन चचेरे भाई ने आकाश को वो सबकुछ दिया, जिसकी उसको जरूरत थी। आकाश पढ़ाई में तेज था और इस बात को उसके चचेरे भाई ने भी महसूस किया। भाई ने आकाश से कहा कि जीवन को यूंही मत जियो, कुछ बड़ा हासिल करो। भाई की इस सीख के साथ आकाश ने तय किया कि वो यूपीएससी की तैयारी करेगा। इंटरमीडिएट करने के बाद जो दोस्त मिले, आकाश ने उनसे यूपीएससी के बारे में जानकारी हासिल की और तैयारी की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए।
Success Story : तुम आगे बढ़ो, हम साथ हैं…
आकाश ने इस बारे में बताया, ‘मेरे चचेरे भाई मेरे लिए सब कुछ थे। माता-पिता के गुजर जाने के बाद वो मेरे साथ रहे और मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं अनाथ हूं। उन्होंने मुझे पढ़ाया, घर दिया और अपने बच्चे की तरह पाला। उन्होंने मेरे हर फैसले में मेरा साथ दिया और हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। मैंने उनसे कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी करना चाहता हूं, तो उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम आगे बढ़ो, हम साथ हैं। गुजराती माध्यम के स्कूल से शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद आकाश ने इंजीनियरिंग की डिग्री ली और अपने लक्ष्य की तरफ चल पड़े।
Success Story : प्लान ए और प्लान बी फेल, प्लान सी पर निगाहें
आकाश की शुरुआती पढ़ाई गांव से थी, इसलिए उन्हें किताब में लिखी कुछ बातों को समझने के लिए शब्दकोष की मदद से अनुवाद करना पड़ता था। 2019 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। उन्होंने प्रीलिम्स तो पास कर ली, लेकिन मेंस एग्जाम में फेल हो गए। आकाश कुछ निराश हुए और यूपीएससी छोड़कर गुजरात लोक सेवा आयोग (जीपीएससी) परीक्षा की तैयारी करने लगे। हालांकि, यहां भी उन्हें नाकामयाबी मिली। 2020 और 2021… वो लगातार दो साल तक इसमें फेल हुए। 2021 में तो वो केवल दो नंबर से चूक गए। आकाश के प्लान ए और प्लान बी फेल हो चुके थे। अब उन्होंने प्लान सी के बारे में सोचना शुरू किया।
Success Story : 2022 में बन गए स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर
यूपीएससी और जीपीएससी में फेल होने के बाद आकाश परेशान हो गए। उन्हें लगने लगा कि कोई छोटी-मोटी नौकरी कर लेनी चाहिए। लेकिन, यहां एक बार फिर उनके चचेरे भाई ने उन्हें हिम्मत दी। उनके भाई ने कहा किसी मामूली नौकरी के लिए अपने सपने को मत तोड़ो। आकाश ने अब प्लान सी के तहत यूपीएससी ग्रुप-सी की परीक्षा दी और आखिरकार साल 2022 में इसमें पास होकर वो स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर बन गए। आकाश के हाथ में अब नौकरी थी, इसलिए एक बार फिर उन्होंने यूपीएससी के बारे में सोचना शुरू किया और तैयारी में जुट गए।
Success Story : और आकाश ने जीत ली जंग
अपनी पूरी तैयारी के साथ आकाश ने साल 2023 में यूपीएससी की परीक्षा दी। और इस बार, कहानी बदल गई। आकाश को परीक्षा में 1007वीं रैंक मिली। ये सफलता आकाश के लिए तो बड़ी जीत थी ही, साथ ही उनके चचेरे भाई को भी अपनी तपस्या का फल मिल गया था। आकाश बताते हैं कि उनकी इस कामयाबी में माता-पिता की यादें, पिता का बलिदान और चचेरे भाई का सपोर्ट सभी का योगदान है। अपनी रैंक अच्छी करने के लिए आकाश फिर से यूपीएससी की तैयारी में लग चुके हैं।