Success Story : पढ़ाई के साथ खूबसूरती में भी नंबर 1, UPSC में 2nd रैंक, दो बार पास की परीक्षा और बन गई अधिकारी, भाई और पति भी हैं IAS अफसर

UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story

UPSC Success Story, IAS Success Story, Success Story : भारतीय समाज में कुछ परिवार ऐसे होते हैं जिनके लोग प्रतिभा से भरे होते हैं और उनके प्रयासों और संकल्प की बदौलत वे असाधारण सफलता प्राप्त करते हैं। आईएफएस अधिकारी आरुषि मिश्रा इन्हीं व्यक्तियों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपनी ऊंचाई का परचम लिखा है।

आरुषि का जन्म 31 जनवरी 1991 को प्रयागराज में हुआ था। उनके पिता श्री अजय मिश्रा एक प्रसिद्ध वकील हैं और मां श्रीमती नीता मिश्रा एक लेक्चरर हैं। उनके छोटे भाई अर्णव मिश्रा भी एक आईएएस अधिकारी हैं, जो उत्तर प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

छोटे भाई अर्णव मिश्रा भी एक आईएएस अधिकारी

इस परिवार में संस्कार, शिक्षा और समर्थन के माध्यम से सबका विकास हुआ है। जिसका असर आरुषि के उज्जवल भविष्य की एक मजबूत नींव में बेहद जरुरी रहा। आरुषि ने अपनी शिक्षा की शुरुआत रायबरेली से की। उसके बाद साल 2014 में आईआईटी रूड़की से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। इंजीनियरिंग में उनका रुझान बचपन से ही था, हलाकि जल्द ही उनका झुकाव यूपीएससी की तरफ हो गया।

मेहनत और समर्पण के साथ अपनी प्रतिभा जाहिर

यूपीएससी की तैयारी में उन्होंने बड़ी मेहनत और समर्पण के साथ अपनी प्रतिभा को जाहिर किया। उनके शुरुआती प्रयासों में कई बाधाएँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी। साल 2018 में, उन्होंने भारतीय वन सेवा (IFoS) में दूसरी रैंक हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भी पास की और आईआरएस (IRS) का पद अलॉट किया गया।

सोशल मीडिया पर भी काफी फॉलोवर्स

आरुषि के जीवन में पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही में सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। उनकी शादी नवंबर 2021 में आईएएस अधिकारी गौड़ से हुई, जो आगरा विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष हैं। साथ ही उनकी सोशल मीडिया पर भी काफी फॉलोवर्स हैं। जो उनकी उपलब्धियों और व्यक्तिगत जीवन की ख़बरें जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

आरुषि मिश्रा की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में मेहनत और संकल्प से कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है। उनका उदाहरण हमें यह दिखाता है कि संघर्ष और समर्पण ही सफलता की कुंजी होती है।