UPSC Success Story, Success Story, IAS Success Story : यूपी की रहने वाली तृप्ति कलहंस ने स्कूली दिनों से ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अफसर बनने का सपना देखा था। उनके कॉलेज के तीन साल बेहद आनंददायक रहे, लेकिन उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू करने का मन बनाया। तृप्ति का मानना था कि कॉलेज के दिनों में यूपीएससी की तैयारी का तनाव न लेकर इसे बाद में करने से बेहतर है, क्योंकि यह अवसर जीवन में एक बार ही मिलता है।
दिल्ली में नई शुरुआत
12वीं कक्षा के बाद, तृप्ति दिल्ली आ गईं और 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कमला नेहरू कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी के माध्यम से यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू की। दिल्ली में रहकर, तृप्ति ने अपने आत्मनिर्भर प्रयासों से यूपीएससी की कठिन तैयारी में कदम रखा, लेकिन यह यात्रा सहज नहीं थी।
पहले तीन प्रयासों में असफलता
तृप्ति के लिए पहला प्रयास उम्मीदों के अनुसार नहीं रहा। पहले तीन प्रयासों में वे यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा को पास नहीं कर पाईं। इस असफलता से तृप्ति काफी निराश हुईं और उनका आत्मविश्वास डगमगा गया। उन्हें लगने लगा कि उनका सपना टूट रहा है, बावजूद इसके कि वे लगातार मेहनत कर रही थीं। इस स्थिति ने उन्हें मानसिक रूप से कमजोर कर दिया और वे सोचने लगीं कि क्या वे इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर पाएंगी या नहीं।
परिवार का दबाव
तीन साल तक बिना उचित गाइडेंस के यूपीएससी की तैयारी करना कठिन था। लगातार असफलताओं के बाद परिवार और रिश्तेदारों का दबाव बढ़ गया, जिससे उनकी तैयारी प्रभावित होने लगी। आत्मसंशय और तनाव ने उनकी मेहनत को और कठिन बना दिया। परिजनों की उम्मीदों और सामाजिक दबाव ने तृप्ति की मानसिक स्थिति को और जटिल बना दिया, लेकिन उन्होंने हार मानने का विचार त्याग दिया।
एक साल का ब्रेक
चौथे प्रयास में भी असफल होने के बाद, तृप्ति ने 2022 में एक साल का ब्रेक लेने का फैसला किया। इस ब्रेक ने उन्हें अपना खोया आत्मविश्वास वापस दिलाया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को समझने का समय मिला। ब्रेक के दौरान उन्होंने अपने लक्ष्यों पर पुनः विचार किया और मानसिक शांति प्राप्त की, जिसने उनकी आगे की यात्रा को सकारात्मक दिशा दी।
सफलता की प्राप्ति
साल 2023 में, तृप्ति ने यूपीएससी सीएसई में ऑल इंडिया रैंक 199 प्राप्त की। यह उनकी मेहनत, त्याग और दृढ़ता का परिणाम था। उनकी सफलता ने साबित कर दिया कि कठिन प्रयास और आत्म-विश्वास के साथ किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। तृप्ति की इस सफलता ने उनकी संघर्षशीलता और परिश्रम को उजागर किया।
सफलता का संदेश
तृप्ति कलहंस का कहना है कि जीवन में अच्छे दिन आने पर ही हमें पता चलता है कि क्यों हमें कष्ट सहने पड़े। वे यूपीएससी अभ्यर्थियों को सलाह देती हैं कि वे सुकून और आत्म-विश्वास के साथ अपनी तैयारी जारी रखें। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों और असफलताओं का सामना करना आवश्यक है, लेकिन अंतिम परिणाम की खुशी और संतोष हर मेहनत को सार्थक बनाता है।
सपने को साकार करें
तृप्ति की सफलता की कहानी यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर हम लगातार मेहनत और आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ें, तो सफलता अवश्य मिलती है। यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए तृप्ति का उदाहरण प्रेरणादायक है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि कभी भी हार मानने का विचार न करें, बल्कि सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करें। तृप्ति का संघर्ष और विजय युवाओं के लिए एक आदर्श है और यह दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी सच्ची लगन और मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है।