पड़ताल..! जांजगीर चाम्पा विधानसभा में फंसा पेंच…

@संजय यादव / 17 अप्रैल 2023
जांजगीर चाम्पा विधानसभा में फंसा पेंच…
जांजगीर चाम्पा विधानसभा में इस बार बीजेपी व कांग्रेस पार्टी में पेंच फंसते दिख रहा है. कांग्रेस पार्टी की बात करे तो पूर्व विधायक मोती लाल देवांगन का पूरे विधानसभा में भारी विरोध हो रहा है. कांग्रेस के ही कार्यकर्ता देवांगन का खुल कर विरोध कर रहे है। वही हाल बीजेपी का है मौजूदा विधायक का भी पार्टी में भारी विरोध देखा जा रहा है। कहने का मतलब यह है कि दोनों पार्टी में कार्यकर्ता व जनता नया प्रत्याशी देखना चाह रही है। इसलिए दोनों पार्टी में पेंच फंसा हुआ है। पार्टी के बड़े नेताओं को नए प्रत्याशी तलाशने में भी काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि दोनों पार्टी में कार्यकर्ताओं का एक ही शर्त है कि इस बार प्रत्याशी बदलनी चाहिए.जांजगीर चाम्पा में हमेशा ओबीसी प्रत्याशी थोपने के कारण ओबीसी से प्रत्याशी चयन करना दोनो पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा रही है। ओबीसी प्रत्याशी में दावेदारी कमजोर दिख रही है।
आबकारी अधिकारी के मोबाइल बिजी होने के राज…
जिले के आबकारी अधिकारी 24 घंटे में 25 घंटे बिजी रहते है. यानी उनके सोने का समय छोड़ दे तो पूरे समय इनका मोबाइल बिजी रहता है. किससे बात करते है ये बात उनके स्टाफ को भी नही पता.डरे सहमे बताते है कि जरूर कुछ चक्कर होगा. अब क्या चक्कर है ये वे ही बता सकते है। लेकिन पूरे ऑफिस टाइम उनका मोबाइल बिजी रहता है। किसी जरूरी जानकारी लेने लगाने पर कॉल बैक भी नही करते.लगता है उनको अपने ड्यूटी से ज्यादा मोबाइल प्यारा है. इसीलिए दिन भर मोबाइल में छिपके रहते है।
राखड़ को लेकर दो बीजेपी नेताओं के बीच खींचतान…
केएसके नरियरा पॉवर प्लांट के राखड़ को लेकर दो बीजेपी नेताओं में इन दोनों भारी खींचतान चल रहा है। प्लांट में वर्चस्व की लड़ाई व कमाई के चलते एक दूसरे पर खुलेआम आरोप लगा रहे है। पॉवर प्लांट से निकलने वाला वेस्ट मेटेरियल राखड़ को डंप करने पॉवर प्लांट फ्री में देता है। जिसको लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद की स्थिति भी बनी लेकिन दोनों अपने अपने वजूद को बचाने अड़े हुए है.एक नेता अपने आप को प्लांट के मजदूर यूनियन का बड़ा नेता समझता है तो दूसरा अकलतरा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करता है। अब दोनों के बीच ठन गई है।
एसपी के ट्रेनिंग में जाते ही थानो में लग रहा हैं बोली…
एसपी विजय अग्रवाल के रहते जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जुआ सट्टा प्रतिबंध लग गया था.लेकिन 1 महीने की ट्रेनिंग में हैदराबाद चले जाने के बाद जिले के विभिन्न थानों में जुआरियों द्वारा जुआ खिलाने के लिए बोली लगाना शुरू हो गया है. कुछ दिनों के लिए एसपी के डर से बिल में दुपके जुआरी एवं सटोरिया फिर से बिल से बाहर आ गए. अपना खेल जमाने के लिए थाना प्रभारी से सौदेबाजी करने लगे हैं. कई जगह तो सुना जा रहा है कि इसकी शुरुआत भी हो गई।
जांजगीर चाम्पा जिले में कांग्रेस संगठन कमजोर…
जांजगीर-चांपा जिला में कांग्रेस पार्टी सभी विधानसभा में कमजोर दिख रही है. इसका सबसे बड़ा कारण संगठन का कमजोर होना बताया जा रहा है. पार्टी के छात्र संगठन की बात करें तो अभी तक एनएसयूआई जिला अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई है पूर्व जिलाध्यक्ष के ऊपर आरोप लगने के बाद यह पद अभी भी खाली है. वही जिला कांग्रेस कमेटी की जिला कार्यकारिणी का नहीं गठन नही होने के कारण संगठन में किसी को काम करने के तौर तरीके बताने पड़ते हैं. वही अपनी जिम्मेदारी को लेकर सभी बेपरवाह नजर आते हैं कांग्रेस पार्टी में नगर संगठन से लेकर जिला बॉडी तक सिर्फ आंदोलन या बड़े नेताओ के आगमन पर एकजुट होते हैं. बाकी पार्टी के गतिविधियों में खास दिलचस्पी दिखाई नहीं देता. सिर्फ अपने मतलब के कारण पार्टी एवं संगठन में जुड़े हुए हैं. सत्ता के रहते पार्टी में रहना नेताओं की मजबूरी हो जाता है इनके पीछे उनकी सबसे बड़ी मजबूरी उनका ठेकेदारी का काम होता है. जिसके एवज में जिले में बड़े-बड़े काम का टेंडर आसानी से मिल जाता है. लेकिन संगठन की बात करें तो संगठन में कमजोरी साफ दिखाई देता है महिला संगठन से लेकर जिला कांग्रेस कमेटी में किसी को खास दिलचस्पी दिखाई नहीं देता. जिसको लेकर दिनों दिन संगठन कमजोर होते दिख रहा.
सोशल मीडिया प्रभारियों पर नकेल कसने की तैयारी…
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का चाबुक एक बार बीजेपी के सोशल मीडिया प्रभारीओ के ऊपर पड़ते दिख रहा है. बीजेपी के मीडिया प्रभारीओ को नोटिस दिया जा रहा है. सरकार के खिलाफ अफवाह फैलाने एवं गलत टीका टिप्पणी करने पर प्रभारियों को कानूनी नोटिस दिया जा रहा है. जिसको लेकर राजधानी में बीजेपी नेताओं ने प्रदर्शन किया। वही इस बात का विरोध जताया कि पार्टी की के कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है. कानून का भय दिखाकर नोटिस थमाया जा रहा है इस बात को लेकर सोशल मीडिया प्रभारियों में भारी विरोध देखने को मिल रहा है।