सरिता की मौत के बाद परिजनो ने की थी प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग
एसडीएम, श्रमविभाग, औद्योगिक सुरक्षा अधिकारीयो के दल की चल रही जांच
जांजगीर चांपा-(संजय यादव) आखिर कार आज जिला प्रशासन ने अभिषेक इण्डस्ट्रीज में छापा मार कार्रवाई करते हुऐ प्रबंधक के कार्यप्रणाली की जांच की जा रही है। इंण्डट्रीज में श्रम विभाग के अधिकारी दलबल सहित एसडीएम चांपा, औद्योगिक सुरक्षा विभाग के अधिकारीयो ने मिडिया के खबरो का संज्ञान लेते हुए एवं लगातार सरिता के मौत के बाद परिजनो ने जिला प्रशासन से प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसके कारण प्रशासन पर दबाव था। आज प्रशासन प्रबधंक के खिलाफ रोजनामचा बना कर इण्डट्रीज में छापामार कार्रवाई कर रही है। लेकिन यह कार्यवाही भी संदेह के दायरे में आ चुकी है कारण कार्यवाही से मीडिया को दूर रखा जाना माना जा रहा है,कुछ लोगो को कहना है की जब प्रशासन निष्पक्ष कार्यवाही करने आया है तो मीडिया से दूरी कैसी और अगर दूरी बनाई गई है तो जरूर दाल में कुछ काला है…
काम के दौरान लगी बीमारी से सरिता चौहान की मौत हो गई थी। मृतका सरिता को आर्थिक सहायता दिलाने का भी आग्रह किया था। परिजनों ने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के सहायक संचालक तथा श्रम पदाधिकारी से मामले की शिकायत कर फैक्ट्री की जांच व कार्रवाई की मांग की थी। जनदर्शन में शिकायत करते हुए सरिता के पिता हेमलाल व माता जानकी बाई चैहान ने बताया थ। कि सरिता अभिषेक इण्डस्ट्रीज में बीते छह सालों से मजदूरी कर रही थी। इस कारखाना में टाइल्स बनाने का काम होता है। वहां पत्थर चूरा तैयार किया जाता है। इसके लगातार संपर्क में रहने के कारण बीते चार-पांच माह पहले सरिता को गंभीर बीमारी हो गई। शिकायत में आगे बताया गया है कि जब वे इण्स्ट्रीज के संचालक से इलाज में सहयोग करने की बात कही तो उसने चलता कर दिया।
ऐसे में कर्ज लेकर चांपा के डॉ. पुष्पराज देवांगन के यहां किसी तरह इलाज करा रहे थे। सरिता को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसे बार-बार खांसी भी आती थी। उसका वजन काफी घट गया था। ये सारे लक्षण सिलिकोसिस के हैं। सरिता की मौत से पहले उसका एक्स-रे कराया गया था। उसके उपचार से संबंधित कुछ कागजात भी उनके पास मौजूद है, जिसे औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के रायपुर स्थित हाइजिन लैब भेजकर जांच कराई जाए, ताकि स्पष्ट हो जाए कि सरिता को क्या बीमारी थी। इसके अलावा अभिषेक अग्रवाल से नियमानुसार सहायता राशि भी मुहैया कराने की मांग की जा रही थी। लेकिन प्रबंधन द्वारा परिजनो को किसी प्रकार की आर्थिक मदद नही दी गई। मामले की शिकायत पर आज जिला प्रशासन के द्वारा छापामार कर प्रबधंन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन फिलहाल कार्यवाही भी संदेह के घेरे में है कार्यवाही से मीडिया को दूर रखा गया है..अन्दर क्या चल रहा है ये तो अधिकारी ही जाने…