मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ मेधावी छात्र योजना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जो विद्यार्थी पहले से प्रदेश में नियमित विद्यार्थी के रूप में पढ़ रहे हैं, उनसे मूल निवासी प्रमाण-पत्र नहीं लिया जाये। प्रायवेट विद्यार्थी के रूप में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से मूल निवासी का प्रमाण-पत्र लिया जायेगा। विद्यार्थियों को योजना का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। योजना के आवेदन स्वीकार करने की जानकारी मेधावी विद्यार्थियों को उपलब्ध करायी जाये।
मेधावी छात्र योजना में ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया आगामी 15 जून से शुरू होगी। इस योजना में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बारहवीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले तथा सी.बी.एस.ई. द्वारा आयोजित बारहवीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके पालकों की आय छह लाख रूपये वार्षिक से अधिक नहीं हो। उनका शासकीय, मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि और निजी क्षेत्र के चिन्हित इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान में प्रवेश होने पर उनकी फीस राज्य सरकार देगी। बैठक में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी और मुख्य सचिव बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि इस योजना में पात्रता के लिए स्कॉलरशिप पोर्टल पर बारहवीं की अंक सूची, आधार नंबर तथा आय प्रमाण-पत्र अपलोड कराकर विद्यार्थियों को पंजीयन कराना होगा। स्कॉलरशिप पोर्टल पर योजना का लिंक शुरू किया जायेगा। ऐसे छात्र जिनके पास आधार नंबर नहीं है, उन्हें इसके लिए तीन माह का समय दिया जायेगा। इंजीनियरिंग केलिये जेईई मेन्स परीक्षा में रैंक पचास हजार के अंतर्गत होना चाहिये। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की पूरी फीस राज्य शासन द्वारा दी जायेगी। प्रायवेट इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस में डेढ़ लाख रूपये या वास्तविक शुल्क राज्य शासन द्वारा दिया जायेगा। मेडिकल के लिये राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (NEET) से मेरिट पाकर किसी भी केन्द्र या राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पर विद्यार्थियों की पूरी फीस राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। क्लेट के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश पर पूरी फीस राज्य शासन द्वारा दी जायेगी। प्रदेश में स्थित केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के प्रमुख संस्थानों जैसे योजना तथा वास्तुकला विश्वविद्यालय भोपाल, आईआईएम इंदौर के पाँच वर्षीय कोर्स की पूरी फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी। इसी तरह, राज्य शासन के सभी कॉलेजों में बीएससी, बीए, बीकॉम, नर्सिंग, पॉलीटेक्निक तथा स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों की पूरी फीस राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों का शुल्क संस्था के खाते में तथा निजी संस्थाओं के विद्यार्थियों का शुल्क विद्यार्थियों के खाते में देय होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिये तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग नोडल विभाग होगा। योजना का क्रियान्वयन www.scholarshipportal.mp.nic.in के माध्यम से किया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आशीष उपाध्याय और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थी।