One Nation, One Election: नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को लोकसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पेश करेंगे। इस बिल को अभी हाल में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। गुरुवार को कैबिनेट ने जिन दो विधेयकों को मंजूरी दी, उनमें एक संविधान संशोधन विधेयक है, जो लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए है और दूसरा विधेयक है जो केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए है।
मंजूरी मिलने पर एक साथ होंगे विधानसभा और लोकसभा के चुनाव
अगर इसे लागू किया जाता है, तो लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय (शहरी या ग्रामीण) के चुनाव एक ही साल में होंगे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट पेश की थी। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव ‘चुनावी प्रक्रिया को बदल सकते हैं। हालांकि विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने का विरोध किया है।
बीजेपी को घोषणा पत्र में शामिल रहा है यह एजेंडा
बता दें कि भाजपा 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है। नीति आयोग ने 2017 में इस प्रस्ताव का समर्थन किया और अगले साल तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया था। 2019 में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता को दोहराया।
दरअसल, एक साथ चुनाव कराना पार्टी के 2014 और 2019 के चुनावी घोषणापत्रों में शामिल रहा है। भाजपा अन्य दलों के साथ विचार-विमर्श करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने का तरीका विकसित करने की कोशिश करेगी। इससे राजनीतिक दलों और सरकार दोनों के लिए चुनाव खर्च कम करने के अलावा राज्य सरकारों के लिए कुछ हद तक स्थिरता सुनिश्चित होगी।