जांजगीर-चांपा। भगवान बिरसा मुंडा के 150 जयंती समारोह को केंद्र सरकार द्वारा जनजाति गौरव दिवस के रूप में मना रहा है. जिसके लिए पूरे देश के विभिन्न जिलों में जनजाति गौरव सम्मान कार्यक्रम हो रहा है. जांजगीर चांपा जिले में भी जिला स्तरीय कार्यक्रम जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय के ऑडिटोरियम 15 नम्बर शुक्रवार को रखा गया था. जिसमें सांसद, विधायक, अधिकारी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने एक बड़ी चुक कर दी. जनजाति आदिवासी समाज के पदाधिकारी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया, जिसके चलते जनजाति समाज के पदाधिकारी कार्यक्रम के बाद पहुंचे और अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने जिला प्रशासन को खूब खोटी सुनाई.
जनजाति आदिवासी समाज के पदाधिकारी का कहना था कि उन्हें उनके ही कार्यक्रम में आमंत्रण नहीं भेजा गया. जिसके चलते उन्हें कार्यक्रम की जानकारी नहीं हुई. और वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। भगवान बिरसा मुंडा के इस जयंती समारोह में आदिवासी समाज के पदाधिकारी का उपेक्षा किया गया जिसके कारण उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त किया। अपनी भड़ास जिला प्रशासन पर निकालते हुए कार्यक्रम की समाप्ति पर जनजाति आदिवासी समाज के पदाधिकारी वहां बाहर में खड़े अधिकारियों का इंतजार कर रहे थे। तभी जब अधिकारी बाहर निकले तो अधिकारियों को खूब खोटी सुनाएं, और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में आदिवासी समाज की अपेक्षा करना ठीक नहीं है। जब जिला प्रशासन ने भी अपनी गलती मानी तब जाकर शांत हुए।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वी जयंती जिले में सिर्फ एक समाज तक सिमट कर रह गई…
जांजगीर चांपा विधायक व्यास कश्यप अपने संबोधन में कहा कि पूर्व दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल का 150 वी जयंती समारोह था. जिसमें जिले कुछ कार्यक्रम हुए लेकिन बड़े आयोजन नहीं हो पाया. सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी योगदान देश में बढ़ चढ़कर रहा है. जिसके लिए उनकी जयंती में भी पूरे देश के हर एक जिले में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए. भगवान बिरसा मुंडा जन्म जयंती बनाई जा रही इस तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल की भी जयंती समारोह बड़े कार्यक्रम के रूप मनानी चाहिए. सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन जिला मुख्यालय में कार्यक्रम सिर्फ समाज तक सिमट का रह गया कोई बड़े आयोजन जिले में नहीं हुए जिला प्रशासन से मांग की आने वाले वर्षों में बड़े आयोजन होने चाहिए।