NPS 2024, OPS 2024, Employees NPS, Old Pension Scheme, Employees Pension : देश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली और नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की भविष्यवाणी पर चर्चा का दौर तीव्र हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी शनिवार को स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई गई है, जो पीएम आवास पर आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की पेंशन योजनाओं पर चर्चा करना है, लेकिन बैठक से पहले ही जेसीएम के सदस्यों के बीच मतभेद साफ नजर आ रहे हैं। रेलवे के बाद केंद्र में दूसरे सबसे बड़े कर्मचारी संगठन अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया है।
एआईडीईएफ के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनका संगठन केवल पुरानी पेंशन योजना की बहाली चाहता है और एनपीएस में कोई भी सुधार स्वीकार नहीं करेगा। इस पर केंद्र सरकार ने संसद में यह स्पष्ट किया है कि पुरानी पेंशन योजना पर कोई विचार नहीं हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय ओपीएस का कोई जिक्र नहीं किया, जिससे कर्मचारियों में निराशा का माहौल बन गया है।
संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन की बहाली के लिए कर रहे संघर्ष
केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने रामलीला मैदान और जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किए हैं और कई बार प्रधानमंत्री से मिलने का आग्रह किया है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक मंचों पर ओपीएस के खिलाफ अपनी राय व्यक्त की है और उन राज्य सरकारों पर निशाना साधा है जिन्होंने ओपीएस को लागू किया है।
ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (जेएफआरओपीएस) ने प्रधानमंत्री को 29 फरवरी को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि केंद्र और राज्य के सरकारी कर्मियों ने ओपीएस की बहाली के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। जेएफआरओपीएस ने सरकार से एनपीएस को समाप्त करने और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की है।
एआईडीईएफ ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का बहिष्कार किया
एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि उनका संगठन प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल नहीं होगा क्योंकि बैठक में ओपीएस पर चर्चा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी केवल गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना ही स्वीकार करेंगे और एनपीएस में किसी भी प्रकार के सुधार को मंजूर नहीं करेंगे। एआईडीईएफ ने पहले ही 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था जिसमें एनपीएस पर चर्चा की गई थी।
19 जुलाई को भी लंबित मांगों के समर्थन में देशभर में विरोध प्रदर्शन
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने भी पीएम की बैठक से पहले साफ कर दिया है कि उनका संगठन केवल ओपीएस की बहाली पर जोर देगा। उनका कहना है कि एनपीएस की समाप्ति और गारंटीकृत ओपीएस की बहाली ही कर्मचारियों की प्रमुख मांग है। कॉन्फेडरेशन ने 19 जुलाई को भी लंबित मांगों के समर्थन में देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, आठवें वेतन आयोग का गठन, और अन्य कई मुद्दे शामिल थे।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री की बैठक को लेकर उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री मोदी एनपीएस को ओपीएस में कन्वर्ट करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि जेसीएम प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत से कर्मचारी मुद्दों पर हल निकलने की उम्मीद है।
इस प्रकार, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और नई पेंशन प्रणाली के भविष्य पर उथल-पुथल जारी है और आगामी बैठक में इन मुद्दों पर निर्णायक बातचीत होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक का परिणाम कर्मचारी संगठनों और सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।