Officers Transfer 2024, Transfer 2024, UP Transfer 2024 : प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ा फेरबदल हुआ है। बुधवार की शाम राज्य सरकार ने 31 युवा PCS (प्रोविंशियल सिविल सर्विस) अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इन अधिकारियों में से ज्यादातर की पहली पोस्टिंग है।
उन्हें एसडीएम (उपजिलाधिकारी) के पद पर तैनात किया गया है। यह पोस्टिंग विभिन्न दूरदराज के जिलों में की गई है। जिससे उन्हें फील्ड का अनुभव प्राप्त होगा और वे प्रशासनिक कार्यों की बारीकियों को समझ सकेंगे।
इन अधिकारियों को तत्काल अपने-अपने जिलों में कार्यभार संभालने का आदेश दिया गया है। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न करने की सख्त हिदायत दी गई है। सभी अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे तुरंत अपनी नई जगह पर जाकर काम शुरू करें।
इन अधिकारियों को दी गई तैनाती
UP सरकार ने 31 PCS अधिकारियों के लिए तैनाती के आदेश जारी किए हैं। इनमें अंकित कुमार वर्मा को फिरोजाबाद, शुभेंदु गोपाल को हाथरस, नागेंद्र पांडेय को पीलीभीत, प्रिंस वर्मा को मुरादाबाद, दिव्या सिकरवार को आज़मगढ़, प्रतीक्षा पांडे को बुलंदशहर, सल्तनत परवीन को महोबा, मोहसिना बानो को सीतापुर, प्राजक्ता त्रिपाठी को मथुरा, संदीप कुमार तिवारी को प्रयागराज और वाराणसी, आशीष भारद्वाज को श्रावस्ती, निधि पटेल को संभल, विकास मित्तल को चंदौली, योगिता सिंह को जौनपुर, प्रतीक्षा त्रिपाठी को महाराजगंज और गाजीपुर, रामकृष्ण चौधरी को आगरा, विनय कुमार मौर्य को जालौन, अनामिका मौर्य को ललितपुर, सविता देवी को अयोध्या, रश्मि यादव को बस्ती, अंकित वर्मा को बांदा, आरती साहू को गोरखपुर, आशुतोष रामप्यारी जायसवाल को बिजनौर, पंकज कुमार को अमेठी, चंद्र प्रकाश गौतम को रायबरेली, मंजुल मयंक को सुल्तानपुर और शरद चौधरी को बलिया भेजा गया है।
तत्काल पदभार ग्रहण करने का आदेश
उत्तर प्रदेश नियुक्ति अनुभाग तीन की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। ये सभी अधिकारी अब तक उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, लखनऊ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। इनका प्रशिक्षण 10 जून से 30 अगस्त तक निर्धारित था। प्रशिक्षण की समाप्ति के बाद ही इनकी नई तैनाती की गई है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी अधिकारियों को तत्काल अपनी नई पोस्टिंग पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। ऐसा न करने की स्थिति में उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सरकार का यह कदम नए अधिकारियों को फील्ड में अनुभव प्रदान करने और प्रशासनिक कार्यों में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।