Nalada University, PM Modi, Nalanda University Building : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय की नई बिल्डिंग का उद्धाटन किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नालंदा में आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, “आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती। नालंदा आना मेरा सौभाग्य है। नालंदा एक पहचान है, सम्मान है। बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं।”
Nalada University : नालंदा विश्वविद्यालय की नई बिल्डिंग का उद्धाटन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री पहली बार राजगीर आए हैं। मैं उनका और बाकी सभी मेहमानों का दिल से स्वागत करता हूं।” नीतीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम से पहले पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर भी देखे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि वे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों का मुआयना करते हुए उसकी महत्वपूर्णता को समझ रहे हैं। इस दौरान उनके साथ गाइड के रूप में पटना सर्किल हेड गौतमी भट्टाचार्या भी रहीं। इस उद्घाटन समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डेप्युटी सीएम विजय सिन्हा, और अन्य उच्च सरकारी अधिकारी शामिल थे। इस मौके पर 17 देशों के राजदूत भी मौजूद थे।
Nalada University : विश्वविद्यालय युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में विशेष विचारों को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नालंदा का हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा।”
Nalada University : “नालंदा एक पहचान है, सम्मान है
पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “नालंदा एक पहचान है, सम्मान है। बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं।”
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी को राजगीर तक पहुंचाने के लिए गया एयरपोर्ट से गुजरते हुए उन्हें बिहार सरकार के कई सरकारी अधिकारी ने अगवा किया। उन्होंने इस अवसर पर नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर के उद्घाटन समारोह का श्रेय सभी नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को भी दिया।