Motivational Story : एक असाधारण गोल्ड मैडलिस्ट डॉक्टर, महज 5 रुपये में करते हैं इलाज, अनूठी है खासियत

Motivational Story, S.C. Shankar Gowda, 5 Rs Doctor :

Motivational Story, S.C. Shankar Gowda, 5 Rs Doctor : आज के समय में जहाँ मेडिकल फील्ड में डॉक्टरों की महंगी फीस और दवाओं की बढ़ती कीमतें आम लोगों की चिंता का कारण बन गई हैं। वहीं कर्नाटक के मांड्या जिले में एक ऐसे डॉक्टर हैं जो पिछले 38 वर्षों से अपनी फीस सिर्फ पांच रुपये रखते हैं। हम बात कर रहे हैं त्वचा विशेषज्ञ डॉ. एस.सी. शंकर गौड़ा की, जो न केवल मांड्या की आम जनता को सस्ते और सटीक इलाज उपलब्ध कराते हैं, बल्कि कई बार महंगी दवाओं को भी सस्ते दाम पर उपलब्ध कराते हैं।

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प्रेरणा का स्रोत

जब डॉ. एस.सी. शंकर गौड़ा से पूछा गया कि आज के इस महंगे दौर में आपने अपनी फीस न बढ़ाने का निर्णय क्यों लिया, तो उन्होंने सरलता से जवाब दिया कि पाँच रुपये में सेवा शुरू करने के बाद उनका मन कभी भी इस राशि को बढ़ाने का नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “यह राशि इतनी छोटी है कि इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इससे लोगों को लाभ होता है।”

डॉ. गौड़ा ने अपने निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरणा मैसूर मेडिकल कॉलेज रिसर्च एंड इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रोफेसर डॉ. के. गोविंदा से प्राप्त की। वे बताते हैं कि बचपन में जब उन्होंने डॉ. गोविंदा को निःस्वार्थ सेवा करते हुए देखा, तो उन्हें यही विचार आया कि वे भी इस तरह की सेवा करें। हालांकि, उनकी प्राथमिक योजना इंजीनियरिंग करने की थी, लेकिन परिवार की इच्छा के चलते उन्होंने मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की और त्वचा रोग (वेनरोलॉजी एंड डर्मेटोलॉजी) में डिप्लोमा प्राप्त किया।

गांव से शुरू की प्रैक्टिस

डॉ. गौड़ा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने ज्ञान का प्रयोग करते हुए अपने आस-पास के लोगों की सेवा करने का निर्णय लिया। उन्होंने मात्र पांच रुपये में परामर्श, जांच और इलाज का एक पैकेज तैयार किया और इस राशि को कभी बढ़ाया नहीं। आज भी वे बिना किसी क्लिनिक की सुंदरता और दिखावे के परे रहते हुए एक साधारण रूप में लोगों का इलाज करते हैं। आप उन्हें अक्सर बेकरी के पास, सड़क के किनारे या खेतों के पास इलाज करते हुए देख सकते हैं।

‘जादुई हाथ’ की कहानी

अपने शुरुआती दिनों में, डॉ. गौड़ा दिन में केवल दस लोगों का इलाज करते थे, लेकिन आज वे रोजाना लगभग 200 लोगों का इलाज करते हैं। मरीजों को अपनी बारी का इंतजार करने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। जब बड़े अस्पतालों से लोग निराश होकर डॉ. गौड़ा के पास आते हैं, तो वे पूरी सफलता दर के साथ उनका इलाज करते हैं। इसी वजह से लोगों में यह मान्यता बन गई है कि डॉ. गौड़ा के पास एक ‘जादुई हाथ’ है।

उनकी निःस्वार्थ सेवा और सस्ती फीस ने उन्हें मांड्या में एक अनूठा स्थान दिला दिया है। आज भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है और वे दिन-रात अपनी सेवा में लगे हुए हैं, ताकि उनकी छोटी सी राशि लोगों के स्वास्थ्य में बड़ा परिवर्तन ला सके।