Commissioner commendable initiative, Motivational Initiative, Commissioner Vijay Vishwas Pant : प्रयागराज मंडल के कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने एक अनूठी और सराहनीय पहल की है, जिसमें उन्होंने कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे एक 10 साल के बच्चे को कुछ समय के लिए कमिश्नर बना दिया। यह पहल न केवल उस बच्चे की हौसला अफजाई के लिए थी, बल्कि उसकी बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति को भी प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी।
कैंसर से जूझ रहे सचिन प्रजापति का उत्साहवर्धन
सचिन प्रजापति, बारा के धरा गांव का निवासी और पांचवी कक्षा का छात्र, कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। कैंसर के इलाज के कारण सचिन नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पा रहा है। उसका इलाज प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल के कैंसर विभाग में चल रहा है। हाल ही में, सचिन ने अपने इलाज के दौरान आईएएस बनने की इच्छा जताई थी, जिसे लेकर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने एक विशेष पहल की।
कमिश्नर विजय विश्वास पंत की पहल
22 जून को, कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने सचिन को अपने कार्यालय बुलाया और उसे करीब 20 मिनट तक अपनी कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान सचिन को एक आधिकारिक कमिश्नर की तरह सभी अधिकार और जिम्मेदारियाँ सौंपीं गईं। कमिश्नर पंत ने सचिन को उपहार भी भेंट किए और उसकी जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इस विशेष अवसर पर सचिन के चेहरे पर एक मुस्कान आई, जो उसकी बीमारी की चुनौतियों का सामना करने में उसकी मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाती है।
सच्चे मन से की गई पहल का स्वागत
कमिश्नर की इस पहल का लोगों ने भी दिल से स्वागत किया। सचिन के परिवार और गांव के लोग इस कृत्य से बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कमिश्नर विजय विश्वास पंत के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह पहल सचिन के लिए एक बड़ा प्रेरणास्रोत साबित होगी।
सचिन ने इस मौके पर अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं कैंसर को हराकर जल्दी स्वस्थ हो जाऊंगा और फिर से स्कूल जाऊंगा। मैं कमिश्नर विजय विश्वास पंत का धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मुझे इस तरह की खुशी का अनुभव कराया।” सचिन की इस सकारात्मक सोच और संघर्षशीलता ने सभी को प्रेरित किया है।
कमिश्नर की पहल का उद्देश्य
कमिश्नर विजय विश्वास पंत की इस पहल का मुख्य उद्देश्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों की हौसला अफजाई करना और उन्हें यह संदेश देना था कि वे अकेले नहीं हैं। इस प्रकार के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास बच्चों की मानसिक स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें बीमारी से लड़ने के लिए मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और प्रभाव
कमिश्नर की इस पहल की सार्वजनिक प्रतिक्रिया भी बेहद सकारात्मक रही है। लोग इस कदम को बच्चों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण मानते हैं। इस प्रकार की पहल से समाज में मानवता और सहानुभूति की भावना को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
सच्चे मन से की गई इस पहल ने न केवल सचिन की ज़िंदगी को प्रभावित किया, बल्कि समाज में भी एक महत्वपूर्ण संदेश फैलाया है। यह दर्शाता है कि प्रशासन और समाज की ओर से छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ी चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस प्रकार की पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ उन बच्चों की आशाओं को भी साकार कर सकती है जो कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। कमिश्नर विजय विश्वास पंत की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि संवेदनशीलता और दया की शक्ति किसी भी बीमारी या कठिनाई को पार करने में मददगार हो सकती है।