मिशन 2023: आगामी विधानसभा में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में सबसे बड़ा बाधा बन रहा जिले में पलायन की समस्या…सक्ति जिले में समुचित औद्योगिक एवं रोजगार मूलक संसाधन नहीं होने के कारण सैकड़ो की संख्या में पलायन करते हैं लोग…क्षेत्रीय विधायक डॉ महंत ने भी कई मौकों में स्वीकारा है इस पलायन की समस्या को…बाउजुद नही मिला समस्या का समाधान…

@संजय यादव

जांजगीर चांपा। आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन अभी से प्रचार-प्रसार से लेकर तमाम सारी कवायदें कर रहा है। इसके बावजूद एक बड़ा पेच है। जो लक्ष्य पाने में बाधा बन सकता है। वह है जिले से बड़ी तादाद में रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में होने वाला पलायन. हालांकि अधिकारी इस समस्या से भी पार पाने के लिए उपाय करने की बात कह रहे हैं।

सक्ति विधानसभा के विधायक एवं विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.चरण दास महंत भी क्षेत्र में हो रहे बड़े संख्या में पलायन को रोकने में कोई काम नहीं किया. इस क्षेत्र में न ही किसी प्रकार के औद्योगिक एवं रोजगार मूलक उद्योग लगे, जिसके चलते क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके. न हीं किसी भी रोजगारमुख मुल्क योजनाओं का क्रियानवयन क्षेत्र में सही तरीके से हो पाया. सक्ति क्षेत्र में गौठनो में रीपा के तहत हो रहे ग्रामीण और अर्थव्यवस्था को सुधार लाने का भी कार्य बड़ा धीमा गति से हो रहा है. जिसके चलते जिले के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. सक्ति क्षेत्र में बड़े संख्या में सीमावर्ती क्षेत्र में पलायन की बात सामने आती है.जिसको रोक पाने में यहां के क्षेत्रीय विधायक एवं क्षेत्र के प्रतिनिधि नाकाम रहे. कई सार्वजनिक मंच में भी क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर महंत ने भी इस को स्वीकार किया है कि सक्ति क्षेत्र में बड़े संख्या में लोग कमाने खाने सीमावर्ती क्षेत्र पलायन करते है.बावजूद अभी तक प्रशासन ने इस समस्या को दूर करने किसी प्रकार की पहल नहीं कर पाया है.

सक्ति जिले में चंद्रपुर, जैजैपुर, मालखरौदा क्षेत्र के ज्यादातर लोग सीमावर्ती प्रदेश कमाने खाने को जाते हैं क्षेत्र में रोजगार नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन करने में मजबूर हैं।
जिला प्रशासन का कहना है कि सक्ति जिले से से रोजगार के लिए अन्य प्रांतों में पलायन करने वाले मतदाताओं को इस बार मतदान के लिए न्योता दिया जाएगा। पंचायत सचिवों के जरिए प्रशासन ऐसे मतदाताओं का आंकड़ा जुटाने में लगा है। इसका मकसद जिले के मतदान का प्रतिशत को बढ़ाना है।

गौरतलब है कि सक्ति जिले हर साल रोजगार के लिए करीब सैकड़ों की संख्या में लोग सीमावर्ती गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए पलायन कर जाते हैं। इसमें भी 80 फीसदी युवा होते हैं जो लोकतंत्र के उत्सव में मतदान के जरिए अहम भूमिका निभाते हैं। लिहाजा प्रशासन इस बार ऐसे प्रयास कर रहा है कि बाहर गया कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए। इसके लिए पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार के लिए बाहर गए ग्रामीणों का पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा हैं। इसके बाद संबंधित बीएलओ, पंचायत सचिव और पटवारियों के जरिए उन्हें न केवल मतदान की तारीख बताई जाएगी, बल्कि मतदान करने यहां आने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। इससे निश्चित तौर पर मतदान के आंकड़ों में इजाफा होगा।