जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कार्यालय जहां हफ्ते भर से रणनीति बन रही थी. उसके बाद कांग्रेस से नाराज होकर रविंद्र द्विवेदी ने जोगी कांग्रेस का हाथ थाम कर जांजगीर चांपा विधानसभा से प्रत्याशी बनाए गए..सारे रणनीति कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के कार्यलय में रची गई.. पूरा मामला आज शाम तक साफ हो गया कि रविंद्र द्विवेदी जो कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन कांग्रेस में उसे उन्हें टिकट नहीं दिया तब जाकर वे जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ना सही समझा…इन सब के पीछे मकसद सिर्फ एक ही नजर आ रहा था कि कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को हराना है.. लेकिन इसके पीछे जिस साजिश को रची जा रही थी उसमें किसका हाथ था यह सब जान गए हैं.. आखिर कांग्रेस पार्टी के लोग कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने में पीछे लग गए.. अब देखना होगा कि पार्टी इन पर क्या कार्रवाई करती…
पार्टी के खिलाफ जाकर वह कांग्रेसी नेता कार्यकर्ताओं से मीटिंग करते हैं..मीटिंग में पार्टी के ब्लॉक अध्यक्षों से लेकर पदाधिकारी मौजूद होते हैं..वही मीटिंग में पूर्व प्रत्याशी के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया जाता है.. कांग्रेस के खिलाफ भी उस कांग्रेसी नेता के सामने कार्यकर्ताओं द्वारा बोला जाता है..उसके बाद अपने नेता के रजामंदी से निर्णय लेने के लिए कार्यकर्ता तैयार होते..सारी रणनीति कांग्रेस के उस नेता के नेतृत्व में रची जाती है.. हालांकि यह चर्चा जिले में पूरी तरह फैल गई है..अब देखना होगा की टिकट के दावेदारी करने के बाद टिकट नहीं मिलने पर नाराज रविंद्र द्विवेदी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को क्या नुकसान होता है या भारतीय जनता पार्टी को नुकसान उठाना पड़ता है….
हालांकि इसके पूर्व में भी रवींद्र दिवेदी जांजगीर चांपा विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लडे थे जिसमे उनकी हार हुई थी.. उस समय बीजेपी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.. और कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी.. फिर से वही एक बार रणनीति तैयार होते नजर आ रही है.. हालांकि लोग यह कह रहे हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी को रविंद्र द्विवेदी के चुनाव लड़ने से नुकसान हो सकती है लेकिन देखा गया है कि जब रविंद्र दिवेदी ने बीएसपी से चुनाव लड़ा था तब बीजेपी को ही नुकसान हुआ था.. हालांकि जांजगीर चांपा विधानसभा में एक और नाराजगी थी की कांग्रेस ने सामान्य सीट होने के बावजूद भी किसी भी सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतरा..सामान्य वर्ग को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर जोगी कांग्रेस से प्रत्याशी खड़ा करके सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को जरूर मौका मिला है..अब इस सारे रणनीति के बाद सामान्य वर्ग के वोटर किसके तरफ होते हैं यह आने वाले समय में साफ हो पाएगा… हालांकि रविंद्र द्विवेदी के कांग्रेस से जाने के बाद कांग्रेस को कुछ खास नुकसान होने की उम्मीद नही दिख रही है.. वही बीजेपी को जरूर इसमें नुकसान हो सकता है.. रविंद्र द्विवेदी जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़कर जरूर चर्चा में आ गए है।
जांजगीर चांपा विधानसभा से जोगी कांग्रेस की प्रत्याशी बनाए जाने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान रविंद्र द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस से दावेदारी किए थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया इसलिए नाराज होकर वह जोगी कांग्रेस से प्रत्याशी बने हैं. वहीं उनके पीछे हजारों समर्थक उनके साथ है. एवं कांग्रेस पार्टी के भी कुछ जो दावेदारी कर रहे थे वह भी उनके समर्थन में है. उन्होंने सबसे बड़ी बात कही की कई कांग्रेस की पदाधिकारी भी उनके समर्थन में है। हालांकि यह बात सिर्फ उन्होंने मौखिक रूप से कही है. उनका कहना था कि कई कांग्रेस के पदाधिकारी उनके समर्थन में है जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस की कथनी और करने में कितना अंतर है. अब पार्टी को देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कांग्रेस में भीतर घात करना पार्टी के लिए कितना नुकसान देह हो सकता है. अब पार्टी ऐसे जयचंदो पर क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी।