मिशन 2023 : बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में जिले के आमजन सहित कई पार्टी के पदाधिकारियों ने बनाई दूरियां…

Janjgir-Champa News: भारतीय जनता पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ में सत्तासीन कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य लेकर निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा जांजगीर-चांपा जिले में चंद नेताओं की शक्ति प्रदर्शन की यात्रा बनकर रह गई है। कुछ स्वयंभू नेता यहां आमजनों को अपने साथ जोड़ने की बजाय उल्टा अपनी पार्टी के लोगों की टांग तोड़ने में लगे हुए हैं, जिसके कारण परिवर्तन यात्रा से आमजनों का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है, वहीं पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी इस यात्रा से खुद को किनारा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में लगातार तीन बार सत्ता का सुख भोगने वाली भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद एक बार फिर से पूरी ताकत के साथ वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में है। यही वजह है कि प्रदेश में पुनः सत्ता में आने की तैयारियों में प्रदेश भाजपा जी-जान से जुटी हुई है तो वहीं वर्ष 2024 में तीसरी बार केंद्र की सत्ता पाने को आतुर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जांजगीर-चांपा एवं सक्ती जिले को खास टारगेट में रखा है। इसके लिए पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं का यहां आना-जाना लगा हुआ है। पार्टी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन भी यहां गंभीरतापूर्वक कराया जा रहा है।

इतने सबके बाद भी जांजगीर-चांपा जिले में भाजपा के भीतर की गुटबाजी की खाई को पाटने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल सामने नहीं आई है। वर्तमान में भाजपा के भीतर की गुटबाजी लगातार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर दिखाई एवं सुनाई पड़ रही है। बता दें कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लक्ष्य को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा भी जांजगीर-चांपा जिले में गुटबाजी की भेंट चढ़ती दिख रही है। कुछ स्वयंभू नेताओं ने यहां परिवर्तन यात्रा को अपनी शक्ति प्रदर्शन की यात्रा बना दी है, जिसके कारण भाजपा की यह महत्वपूर्ण यात्रा जांजगीर-चांपा जिले में अपने मूल उद्देश्य से भटकती हुई नजर आ रही है।

बताया जा रहा है कि चंद स्वयंभू नेता के चलते पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, जिसके कारण परिवर्तन यात्रा से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता ही अब दूरी बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गुटबाजी का यही आलम रहा तो केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के मंसूबों की सफलता यहां कठिन हो सकती है।