@संजय यादव
जांजगीर चांपा। पामगढ़ विधानसभा में बीजेपी व कांग्रेस का संगठन कमजोर नजर आ रहा है.जिसका असर प्रचार प्रसार में भी दिख रहा है. तो बसपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक इंदु बंजारे को एंटी इनकंबेंसी का मार झेलना पड़ रहा है. यहाँ तीनो पार्टी जीतने जोर लगा रही है. हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी को जोगी कांग्रेस से थोड़ा नुकसान होते दिख रहा है,लेकिन जोगी कांग्रेस का असर सभी क्षेत्रो में नहीं है.पर कुछ एक क्षेत्रो में जरूर कांग्रेस पार्टी को प्रभावित कर रहा है.
मौजूदा विधायक इंदु बंजारे का दूसरा मौका है, अब दोबारा जनता के पास जा रही है तो जनता अपने विधायक से सवाल पूछ रही कि रोड,नाली,स्कूल,हॉस्पिटल ,पानी की व्यवस्था क्यों नही हुई.पांच साल में क्षेत्र में अपेक्षा के अनुरूप काम नही हो पाया है. जिसके जिसके कारण विधायक हिंदू बंजारे को जनता से खरी खोटी सुनना पड़ रहा है. कि अपने 5 साल में क्या काम किया है ? इसका जवाब विधायक नहीं दे पा रही हैं. हालांकि मौजूदा विधायक इंदु बंजारे भी विकास के दावे जरूर कर रही है. एवं जनता को भरोसा दिला रही हैं कि उनके कार्यकाल में भी विकास कार्य हुए है. लेकिन जनता का विश्वास जीतना सभी प्रत्याशियों के लिए कठिन हो रहा है.
पामगढ़ विधानसभा में तीनों पार्टी में त्रिकोणी मुकाबला देखने को मिल रहा है.बीजेपी, कांग्रेस के भी प्रत्याशी जोर लगा रहे हैं. हालांकि इस बार बीजेपी थोड़ा कमजोर जरूर दिख रही है लेकिन अभी मतदान में काफी समय है, आने वाले समय में और कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. फिलहाल अभी कांग्रेस एवं बसपा के बीच मुकाबला होते दिख रहा है. लेकिन अभी मतदान होने में एक हफ्ता बचे है. इसलिए नहीं कहा जा सकता कि कौन सी पार्टी आगे निकल जाएगी. हालांकि बीजेपी का संगठन चुनाव प्रबंधन में माहिर है. चुनाव नजदीक आते हर विधानसभा में पहुंचकर चुनाव लड़ती है. जिसके कारण समीकरण कुछ और हो सकता है. तीनों प्रत्याशी जीत का जोर लगा रहे हैं. इस बार पामगढ़ विधानसभा में स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशियों का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. देखना होगा की वोटर किस पार्टी पर ज्यादा विश्वास करती है।