इस गांव में नहीं होती है लड़के-लड़कियों की शादियां..जानें क्यों..?

गांव आपने बहुत से देखें होंगे पर क्या आपने कभी कोई ऐसा गांव देखा है जहां पर कभी लड़के या लड़की की शादी नहीं होती है, शायद आपने नहीं देखा होगा क्योंकि ऐसा होना असंभव है। असल में जहां पर भी जन संख्या होगी वहां पर शादी जैसे सामाजिक कार्य तो होंगे ही, पर जानकारी के लिए हम आपको यह बता दें कि अपने देश में ही एक ऐसा गांव है जहां पर लड़के या लड़कियों की शादी नहीं होती है। आइये आज आपको इस गांव के बारे में बताते हैं।

यदि आप आगरा से 80 किमी आगे की और जाएंगे तो आपको यह गांव मिल जाएगा, इस गांव का नाम “सरवन गांव” है। इस गांव को बसे हुए 33 साल हो चुके हैं, पर फिर भी इस गांव में कोई अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहता और इसी वजह से यहां पर रहने वाले लड़को की भी शादी नहीं हो पाती है। यह गांव तांतपुर के पास में एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। इस गांव की आय का मुख्य साधन मजदूरी है तथा इसकी आबादी 300 लोगों की है।

यह है शादी न होने की वजह 
असल में इस गांव में सुविधाओं का आभाव है, जिसके चलते इस गांव में कोई भी अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहता है। इस गांव में सबसे बड़ी समस्या बिजली की है। यहां पर बिजली आती ही नहीं है जिसके चलते सभी लोगों को शाम के बाद अंधेरे में ही रहना पड़ता है। 2009 में इस गांव में बिजली लगाई गई थी, पर 3 ही दिन में आंधी-तूफान के चलते सभी लाइनें टूट गई और सभी खत्म हो गया। यहां का निवासी राजू गांव के बारे में कहता है कि “1983 में राजस्थान के सामंतगढ़ में सूखा पड़ने के बाद बंजारे जाति के करीब दो दर्जन परिवार तांतपुर की पहाड़ी पर आकर बस गए थे। इनके बुजुर्गों ने इस पहाड़ी को काटकर रहने लायक बनाया। करीब 40 घर और 300 की आबादी वाले गांव का नाम बिरादरी के बुजुर्ग सरवन के नाम पर रखा गया।”

गांव में अन्य सामान्य सुविधाएं भी नहीं हैं, इस बारे में गांव के रहने वाले रामबीर कहते हैं कि “गांव के लोग सिर्फ एक खींचू हैंडपंप के दम पर प्यास बुझाते हैं और वो भी अधिकांश खराब रहता है। सड़क है नहीं जैसे-तैसे काट-पीट कर चलने का रास्ता लोगों ने खुद बनवाया है और स्कूल भी ना होने के कारण बच्चे अनपढ़ हैं। अब ऐसे में कोई हमारे बच्चों से शादी ब्याह क्यों करेगा।”

mamta-singh-singer-add