UP Politics, LokSabha Election Result 2024, UP Vote Bank : उत्तर प्रदेश, भारतीय राजनीति के एक ऐसे केंद्र में है जो हर बार चुनाव के समय दिखलाता है कि यहां का सियासी मूड किस दिशा में है। हर चुनाव यहां के सियासी दलों के लिए एक चुनौती होता है, क्योंकि यहां के वोटर बदलते मूड के साथ चलते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भी, फैजाबाद संसदीय सीट से भाजपा को हार का मुँह देखना परेशानी की बात थी। काशी विश्वनाथ के मंदिर और कॉरिडोर के विकास के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट कम होने का सामना करना पड़ा। यह स्थिति स्पष्ट दिखाती है कि यूपी का सियासी मूड कितनी बड़ी चुनौतियों का सामना करता है।
यूपी ने हमेशा ही विवादों और चुनौतियों से भरा रहा है। यहां के सियासी तेवर और मूड का अद्वितीय इतिहास है। 1952 से लेकर आज तक, यहां के वोटर ने किसी भी पार्टी को आसानी से सिर पर नहीं बिठाया।
LokSabha Election Result 2024: जब यूपी में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
कुछ साल पहले जब उत्तर प्रदेश ने कांग्रेस को सिर पर बिठाया, तो वहां से दलों को बड़ा झटका लगा। लेकिन यह उत्तर प्रदेश है, जहां सियासी तेवर हमेशा बदलते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के सियासी इतिहास में कई ऐसे चुनाव हुए हैं जिन्होंने दिखाया है कि यहां के वोटर ने हमेशा ही उन दलों को साथ माना है जो उनके हित में सोचते हैं।
LokSabha Election Result 2024 : यह है इतिहास
1999 में कांग्रेस को सिर पर बिठाने के बाद यूपी के वोटर ने एक बड़ा संदेश दिया था। 2004 में भी, उत्तर प्रदेश ने कांग्रेस के साथ खड़े होने का संदेश दिया था। आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी के खिलाफ जो उत्तर प्रदेश ने गुस्सा दिखाया था, वह एक और मिसाल थी।
2014 में भाजपा को 71 सीटें देने के बावजूद, 2019 में भी यूपी ने उसे नुकसान पहुंचाया। लेकिन इस चुनाव ने एक बार फिर साबित किया कि यहां के वोटर हमेशा सियासी तेवर और मूड के साथ चलते हैं।
LokSabha Election Result 2024: दलों को नसीहत देता यूपी
यूपी ने हर चुनाव में दिखाया है कि वह न केवल सियासी दलो को तोलता है बल्कि उन्हें सिर पर बिठाने के बाद उन्हें भी नसीहत देता है। यहां के वोटर हमेशा वही दल को पसंद करते हैं जो उनके हित में सोचता है और उनके समस्याओं को हल करने का वादा करता है।
इस प्रकार यूपी का सियासी मूड न केवल दलों को तोलता है, बल्कि उन्हें भी सीखने का मौका देता है कि कैसे उन्हें वोटरों की पसंद को ध्यान में रखना चाहिए।
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