रायपुर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाई है। इसके अंतर्गत खेती की लागत कम करने और पैदावार बढ़ाने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. सिंह ने आज सवेरे आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ की 22वीं कड़ी में यह जानकारी दी। उन्होंने मानसून को ध्यान में रखते हुए इस बार की अपनी रेडियो वार्ता को खेती-किसानी और आपदा प्रबंधन पर विशेष रूप से केन्द्रित रखा। राज्य में स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों और कई टेलीविजन समाचार चैनलों से मुख्यमंत्री की रेडियो वार्ता का प्रसारण किया गया। किसानों, श्रमिकों और आम नागरिकों ने विभिन्न स्थानों पर सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री के रेडियो प्रसारण को सुनकर अपनी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री ने ‘ रमन के गोठ’ में किसानों से कहा-मैं अन्नदाताओं से यह कहना चाहता हूं कि आप बिना किसी चिन्ता के अपना काम करें। हमनें आपके लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं। उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार एक निर्धारित समय सीमा में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का आव्हान किया है। उनके आव्हान के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने कार्ययोजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने बताया – राज्य के किसानों को खेती के लिए बिना ब्याज का अल्पकालीन ऋण दिया जा रहा है। इस खरीफ मौसम में उन्हें तीन हजार 200 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण देने का लक्ष्य है। नगद और कृषि आदान सामग्री की सुगम व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने जहां संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रतिष्ठापूर्ण परीक्षा में सफल होकर अखिल भारतीय सेवाओं के लिए चयनित छत्तीसगढ़ के एक दर्जन युवाओं को बधाई दी वहीं 21 जून को छत्तीसगढ़ सहित देशभर में आयोजित किए जा रहे तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उल्लेख करते हुए सभी लोगों से इसमें भागीदारी का आव्हान किया।
हर दो साल में किसान करवाएं खेत की मिट्टी की जांच
डॉ. रमन सिंह ने रेडियो वार्ता में किसानों से कहा – कृषि उत्पादन की दृष्टि से राज्य की मिट्टी और जलवायु के अनुसार विशेष फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए जिलेवार और क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाई गई है। डॉ. सिंह ने उदाहरण देते हुए बताया कि सरगुजा संभाग में जवाफूल, विष्णुभोग और लक्ष्मीभोग चावल, टाउ, रामतिल और कोदो, बस्तर संभाग में बादशाह भोग तथा रेड राईस चावल और रामतिल और कुल्थी जैसी लघु धान्य फसलों तथा मैदानी क्षेत्रों में दूबराज, विष्णुभोग, तुलसीमंजरी, लाल झुनगा और कुल्थी की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, ताकि किसानों को इन फसलों का बाजार में ऊंचा दाम मिल सके। उन्होंने किसानों को बताया- राज्य में मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन योजना संचालित की जा रही है। इसके प्रथम चरण में किसानों को उनके खेतों की जमीन की जांच करके 40 लाख मिट्टी स्वास्थ्य पत्रक दिए जा चुके हैं। उन्होंने किसानों से हर दो साल में खेतों की मिट्टी जांच करवाने और स्वास्थ्य पत्रक में की गई अनुशंसा के अनुसार खाद और सूक्ष्म पोषक तत्व डालने की अपील की।
राज्य के 16 लाख परिवारों को मिला प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा
मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में किसानों को यह भी बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुसार मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है। इसलिए जिन किसानों ने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है, वे जल्द बनवा लें। मुख्यमंत्री ने किसानो को बताया कि पिछले वर्ष खरीफ तथा रबी फसलों को मिलाकर छत्तीसगढ़ के सोलह लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिला। उन्हें कुल 340 करोड़ रूपए की प्रीमियम राशि राज्य सरकार द्वारा दी गई। इसमें राज्य और केन्द्र की 50-50 प्रतिशत की भागीदारी होती है। डॉ. सिंह ने कहा- इस वर्ष भी किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
डॉ. सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों के लिए लागू की गई यह बीमा योजना सिर्फ बारिश नहीं होने से संबंधित नहीं है, बल्कि इसका दायरा बहुत व्यापक है। खेतों में खड़ी या खलिहानों में रखी फसल को आग से पानी से और अन्य कारकों से सुरक्षा देने के लिए भी यह योजना एक वरदान है। इसमें नाम मात्र का दो प्रतिशत प्रीमियम लेकर पूरी फसल का बीमा कराया जाता है। छत्तीसगढ़ में सिंचित और असिंचित धान सहित मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग, उड़द और उद्यानिकी फसलों को इस बीमा योजना के दायरे में लाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने बताया – ऋणी किसानों का बीमा तो संबंधित बैंकों से हो जाता है, लेकिन गैर-ऋणी किसानों को आवेदन करना पड़ता है। उन्हें पूर्ण सावधानी के साथ समय पर आवेदन कर देना चाहिए।
इस बार 48 लाख हेक्टेयर में होगी खरीफ की खेती
उन्होंने बताया – प्रदेश में खरीफ मौसम में ही सबसे ज्यादा खेती होती है। अच्छे मानसून में धान की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। इस वर्ष खरीफ के दौरान राज्य में 48 लाख हेक्टेयर के रकबे में बोनी का लक्ष्य है। इसमें से 36 लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान बोया जाएगा। लगभग चार लाख हेक्टेयर में दलहन, तीन लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में तिलहन और लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में साग-सब्जी, गन्ना आदि लगाने का कार्यक्रम बनाया गया है। इस तरह इस वर्ष अनाज दलहन-तिलहन और साग-सब्जी को मिलाकर 91 लाख 76 हजार मीटरिक टन फसल उत्पादन का अनुमान है। डॉ. सिंह ने अपने रेडियो प्रसारण में बताया – किसानों की मदद के लिए इस बार सहकारी समितियों में सात लाख 45 हजार क्विंटल बीजों का भण्डारण किया गया है। इसी तरह दस लाख 65 हजार मीटरिक टन खाद का भी इंतजाम किया गया, ताकि किसानों को खाद और बीज समय पर मिल सके।
मानसून: आपदा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में बताया – मानसून के दौरान बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था कर ली गई है। राज्य आपदा प्रबंधन बल को सतर्क कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों के लिए 72 नौकाएं (बोट) दी गई है। समस्त संभागीय मुख्यालयों में आपदा प्रबंधन बल की तैनाती की गई है, जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिलों में उपलब्ध अमले के साथ समन्वय करेंगे। सभी 27 जिला मुख्यालयों के साथ ही राज्य स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष सतर्क रहेगा।
संक्रामक बीमारियों से बचाव की तैयारी
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बारिश के मौसम में संभावित संक्रामक बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है। उन्होंने लोगों से इस मौसम में उबला हुआ अथवा अन्य तरीकों से स्वच्छ किया हुआ पानी पीने, पास-पड़ोस की जगहों में सफाई रखने और अपने सेहत पर भी ध्यान देने की अपील की। डॉ. सिंह ने कहा – किसी भी तरह से अस्वस्थ होने पर जल्द से जल्द डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को खास तौर पर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी संक्रामक बीमारियां न फैल पाएं। मुख्यमंत्री ने लोगों से बारिश के पानी को बचाने के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अपनाने का भी आव्हान किया।
नई शराब नीति से सड़क हादसों में 27 प्रतिशत कमी
मुख्यमंत्री ने आज के रेडियो प्रसारण में प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान 2017 की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। डॉ. सिंह ने कहा-इस अभियान को सबसे बड़े सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) के रूप में भी याद किया जाएगा। उन्होंने बताया-लोक सुराज अभियान से यह पता चला कि लोगों की सर्वाधिक उम्मीदें किस विभाग से हैं और किस तरह की समस्याएं और मांगें उभरकर सामने आयी है। सर्वाधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लिए मिलें हैं। दोनों योजनाओं के प्रति लोगों में जबरदस्त उत्साह है। कोचियाबंदी को लेकर गांवों में बहुत सकारात्मक वातावरण है। राज्य के 98 प्रतिशत गांवों में शराब की दुकानें नही है। हमारी नई शराब नीति के कारण प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 27 प्रतिशत तक गिरावट आयी है।
सुशासन की पाठशाला साबित हुआ लोक सुराज अभियान
डॉ. सिंह ने कहा – एक बार फिर यह साबित हुआ है कि लोक सुराज अभियान सुशासन की पाठशाला है। इस अभियान में जो डेटा बैंक बना है, वह भावी योजनाओं के काम आएगा। मुख्यमंत्री ने श्रोताओं को बताया – विगत 26 फरवरी से 20 मई तक लोक सुराज अभियान 84 दिनों तक और 2016 घंटे तक लगातार चला। इस दौरान कुल 28 लाख 54 हजार 360 आवेदन आए। इनमें से 25 लाख 86 हजार 596 ग्रामीण क्षेत्रों के और 2 लाख 59 हजार 594 आवेदन शहरी क्षेत्रों के हैं, जबकि 8197 आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने कहा-इन आवेदन पत्रों के निराकरण का भी कीर्तिमान बना। 26 लाख 55 हजार 833 अर्थात् 93 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण किया गया। अभियान में आकस्मिक निरीक्षण, अवलोकन और समाधान शिविरों को मिलाकर मैंने 10 हजार 757 किलोमीटर की यात्रा की। मैं स्वयं 21 समाधान शिविरों में गया और 16 स्थानों पर आकस्मिक निरीक्षण किया, जबकि 18 स्थानों पर समीक्षा बैठकें ली और 17 शहरों में रात्रि विश्राम किया। पूरे अभियान में मैंने 185 संगठनों और 5400 जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। डॉ. सिंह ने रेडियोवार्ता में बताया – अभियान के दौरान बड़ी संख्या में राशनकार्ड बनवाए गए। सभी स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया – अभियान के तहत जिलों में अवलोकन के दौरान यह बात भी उभरकर सामने आयी कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव की संख्या में शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लोक सुराज अभियान के दौरान 187 घोषणाएं की गई और 243 निर्देश जारी किए गए। इनमें से 145 प्रकरणों पर अमल पूर्ण कर लिया गया है और 285 प्रकरणों के निराकरण की कार्रवाई जारी है। डॉ. सिंह ने रेडियो श्रोताओं को बताया – हमने अच्छा काम नहीं करने वालों को दण्डित किया है और अच्छा काम करने वालों की सराहना की है। राज्य के 300 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है। दूसरी ओर नगरी जनपद पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद एक साल की संविदा नियुक्ति दी गई है।
यूपीएससी चयनित युवाओं को बधाई
मुख्यमंत्री ने ‘रमन के गोठ’ में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रतिष्ठापूर्ण परीक्षा में छत्तीसगढ़ से चयनित लगभग एक दर्जन उन प्रतिभाशाली युवाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी, जिन्होंने मेरिट में अपनी जगह बनाई है। डॉ. सिंह ने कहा-मेरी शुभकामना है कि इन सभी युवाओं को उनके कैरियर में भी शानदार सफलता मिले। वे जहां भी काम करें, छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करें। डॉ. सिंह ने कहा – मैं आज विशेष तौर पर दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में पली-बढ़ी बिटिया नम्रता जैन का अभिनंदन करना चाहता हूं, जिसने छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक अंक पाए हैं और चयन सूची में प्रथम 100 में शामिल हैं। नम्रता बिटिया ने अपनी लगन, मेहनत और प्रतिभा से यह मुकाम हासिल किया है और यह साबित किया है कि जहां चाह है, वहां राह निकलती है। उन्होंने हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने उनके माता-पिता, परिवार और दंतेवाड़ा के स्कूल, निर्मल निकेतन को भी बधाई दी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘लक्ष्य’ संस्था का भी उल्लेख किया, जहां नम्रता ने यूपीएससी के साक्षात्कार की तैयारी की थी। डॉ. रमन सिंह ने इस संस्था को और जिले के अधिकारियों को भी बधाई दी।
छत्तीसगढ़ के नये सितारे
मुख्यमंत्री ने रेडियो प्रसारण में कहा- यह बहुत ही गर्व की बात है कि इस बार हमारे युवाओं ने यूपीएससी में अच्छी संख्या में सफलता पायी है। डॉ. सिंह ने इस परीक्षा में चयनित छत्तीसगढ़ के डॉ. दीपक शुक्ला, अभिषेक अग्रवाल, शशांक शेखर, चंद्रकांत वर्मा, अजय अग्रवाल, नवीन सोनी, डॉ. गगन गिरी गोस्वामी, लालदास, अदिती पटेल और डॉ. पीयूष लहरे का जिक्र करते हुए कहा – ये सभी छत्तीसगढ़ के नये सितारे हैं, जिन्होंने अपनी परिस्थितियों से संघर्ष कर एक मुकाम हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता के जरिए इन युवाओं का अभिनंदन किया। उन्होंने राजनांदगांव जिले के ग्राम परसाही (खैरागढ़) निवासी लालदास का उल्लेख करते हुए कहा-यूपीएससी में सफल होने वाले युवाओं में शामिल लालदास ने नईदिल्ली में राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘छत्तीसगढ़ ट्रायबल यूथ हॉस्टल’ में रहकर तैयारी की। उनके पिता गणपत दास भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिक थे। लालदास ने नायब तहसीलदार रहते परीक्षा की तैयारी की थी। डॉ. पीयूष लहरे डोंगरगढ़ के निवासी हैं। उनके पिता श्री पुरूषोत्तम दास भी भिलाई इस्पात संयंत्र में ऑपरेटर थे। पीयूष ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुईखदान में नौकरी करते हुए परीक्षा की तैयारी की और साक्षात्कार की तैयारी के लिए नईदिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ ट्रायबल यूथ हॉस्टल में रहे। गगनगिरी गोस्वामी भी ग्रामीण पृष्ठभूमि के और कृषक परिवार से हैं। उनके पिता नरेन्द्र गिरी गोस्वामी मुुंगेली जिले के लोरमी निवासी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा – दिल्ली के हमारे ट्रायबल यूथ हॉस्टल में रहकर तैयारी करने वाले 30 युवा राज्य प्रशासनिक सेवा में सफल हुए हैं। वैसे तो प्रतिभा किसी सहारे की मोहताज नहीं होती, लेकिन हमारे प्रदेश के जिन बच्चों के आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, वे अच्छे प्रशिक्षण और सुविधाओं की कमी के कारण पिछड़ न जाए इसलिए हम दिल्ली में ‘उत्कर्ष’ के नाम से इस ट्रायबल यूथ हॉस्टल के नाम से इसका संचालन कर रहे हैं, जहां प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की कोचिंग, भोजन और आवास की सुविधाएं निःशुल्क दी जाती हैं। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी है कि इन युवाओं ने हमारी सोच को सही साबित कर दिखाया है।