छत्तीसगढ़ में लीगल एड के तहत वकीलों की हुई नियुक्ति



बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्षकारों के अलावा इससे जुड़े अन्य लोगों को समय पर न्याय दिलाने की तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को हाई कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सचिव ने अधिसूचना जारी कर लीगल एड के लिए 198 वकीलों की नियुक्ति कर दी है। इनका कार्यकाल एक सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2025 तक रहेगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा इन वकीलों को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लिए प्रकरणों के निराकरण की जिम्मेदारी दी जाएगी। पीड़ित पक्षकारों को समय पर न्याय दिलाने और गरीबों को फ्री में वकील उपलब्ध कराने के सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के साथ ही जिला कोर्ट व अधिनस्थ न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। न्याय की आस में न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले पीड़ितों को समय पर न्याय मिले इसके लिए शीर्ष अदालत ने दो तरह की व्यवस्था की है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर हाई कोर्ट में गठित लीगल सर्विस कमेटी को लीगल एड के लिए अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने व जिला न्यायालयों में पीड़ितों को समय पर न्यायदान के लिए डिफेंस काउंसिल की नियुक्ति का आदेश जारी किया है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमला शुरू कर दिया है। मंगलवार को लीगल सर्विस कमेटी ने 198 अधिवक्ताओं की नियुक्ति कर दी है। इनका कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। इसके अलावा डिफेंस काउंसिल की भी नियुक्ति होनी होगी। वे जिला न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की सुनवाई में राज्य शासन की ओर से उन पीड़ितों के मामलों की कोर्ट में पैरवी करेंगे जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है और वकील नहीं कर सकते। सरकारी वकीलों की तर्ज पर डिफेंस काउंसिल प्रकरणों की पैरवी करेंगे। इससे पीड़ितों को राहत मिलेगी।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में लगभग 87 हजार 118 प्रकरण लंबित है। इसी तरह प्रदेश के जिला न्यायालय के अलावा अधिनस्थ न्यायालयों में तीन लाख 85 हजार के करीब मामले लंबित हैं। लंबित मामलों का निपटारा होगा और तय समय पर लोगों को न्याय भी मिलेगा। लीगल एड डिफेंस सिस्टम के तहत नियुक्त किए गए अधिवक्ताओं का सीधे जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला अभिभाषक से संपर्क रहेगा। जिला कोर्ट में लगने वाले मामलों की लिस्टिंग इनके पास प्रतिदिन भेजी जाएगी। लिस्टिंग के अनुसार अधिवक्ता कोर्ट में पैरवी करेंगे। डिफेंस काउंसिल के प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध रहेगा।