केएसके विवाद : कलेक्टर का दावा फेल…कलेक्टर ने जनदर्शन मे दिया था मजदूर संघ को आश्वासन, 5 वीं बैठक मे निकलेगा ठोस नतीजा…5 वीं त्रिपक्षीय बैठक रहा फिर से बेनतीजा…

जांजगीर चांपा। केएसके पाॅवर प्लांट में भू विस्थापित मजदूर और प्लांट प्रबंधन के बीच विवाद कम होने का नाम नही ले रहा है। दिनो दिन विवाद और गहराता जा रहा है। जिला प्रशासन और मजदूर संघ में बीच लगातार 4 बार वार्ता भी हुआ लेकिन किसी प्रकार की नतीजा सामने नही आ पाया है। मजदूर स्ंाघ लगातार नौकरी में वापस लेने की मांग को लेकर मंत्री, राज्यपाल से मिल रहे है। लेकिन किसी प्रकार का पहल नही हो पा रहा है। दो महीनो से चला आ रहा इन विवादो से मजदूर परिवार अब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसी मामले में 11 नवबंर को जनदर्शन में केएसके पाॅवर प्लांट मजदूर संघ के परिजन कलेक्टर से अपनी मांग को लेकर आये हुये थे। लेकिन कलेक्टर द्वारा उनकी मांग को अनसुना कर उन्हे बाहर जाने को कह कर दुव्र्यहार किया गया था ।

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बाद में कलेक्टर ने मजदूर संघ के नेताओ को बुलाकर आज 15 नवबंर को फिर से त्रिपक्षीय बैठक कर ठोस नतीजा निकाल लेने का दावा किया था। वही मजदूर संघ के नेताओ से कलेक्टर ने कहा था कि आप लोग मंत्री,मुख्यमंत्री, राज्यपाल के पास जा रहे हो मेरे पास आते तो 5 मिनट में समस्या का हल निकल जाता । मजदूर संघ के लोगो ने कलेक्टर के आश्वासन पर विश्वास कर फिर से 5वी बार त्रिपक्षीय बैठक पर जिला श्रम कार्यालय पहुचे थे। लेकिन देखा गया कि आज की 5वीं त्रिपक्षीय बैठक में ऐसा कुछ भी नही हुआ कलेक्टर के निर्देश पर आज की बैठक श्रम कार्यालय में जिला प्रशासन,प्लांट प्रबंधन और मजदूर संघ मे बीच थी. जो शाम 4 बजे से शुरू होकर रात 7 बजे तक, 3 घंटे तक चली. लेकिन हमेशा की तरह बैठक बेनतीजा रहा। बैठक में चर्चा के दौरान प्लांट प्रबंधन की ओर से 4 अधिकारी बैठक मे शामिल हुए तो वही 8 से 10 लोग मजदूर संघ की ओर आये हुए थे. जिला प्रशासन की ओर एडीएम,एडीशनल एसपी, लेबर अधिकारी उपस्थित थे। 3 घंटे चली चर्चा में जहां जिला प्रशासन ने बारी-बारी दोनो पक्षो की बात सुनी, जहां प्लांट प्रबंधन का कहना था कि जब तक 10 सितंबर 2019 को हुई प्लांट के अंदर घटना की जांच नही हो जाती तब तक मजदूरो को वापस नौकरी में नही लिया जायेगा, तो दूसरी ओर मजदूर संघ ने कहा कि 35 मजदूर जो नौकरी से निकाले गये है उनकी वापसी नही होगी तब तक हम जांच नही करायेगें। वही जिला प्रशासन ने दोनो पक्षो की बात सुन कर दोनो पक्षो में आपसी सहमति नही बन बाने के कारण त्रिपक्षीय बैठक को असफल घोषित कर दिया गया।

फिर से 5 वीं त्रिपक्षीय बैठक में निर्णय कुछ नही आया, कलेक्टर ने जो वादा किया था वह फेल रहा. फिर से कलेक्टर से मिलेगें, जिला प्रशासन का असफलता है। जिला प्रशासन मजदूरो की बात को दबाने की कोशिश कर रहा।

बलराम गोस्वामी , मजदूर नेता।

दोनो पक्षो की बात सूनी गई लेकिन दोनो पक्ष अपनी अपनी बात पर अडे़ रहे इसलिए वार्ता असफल घोषित किया गया है। जिला प्रशासन को बैठक के बारे मे अवगत कराया जायेगा।

के के सिंह , जिला श्रम अधिकारी ,जांजगीर