कोसीर में गोल्ड स्टार पब्लिक स्कूल का अवैध रूप से हो रहा संचालन…

[highlight color=”blue”]पूर्व में डॉल्फ़िन नामक स्कुल ने सारंगढ़ में स्कुल संचालन कर लाखों की धांधली कर हो गया था रफूचक्कर[/highlight]

[highlight color=”orange”]पालक जान बुझ कर बच्चों को करा रहे दाखिला[/highlight]

[highlight color=”black”]रायगढ़[/highlight][highlight color=”red”] कोसीर से गोल्डी कुमार[/highlight]

प्रदेश में एक ओर गुणवत्ता शिक्षा अभियान पर जोर देकर शासन प्रशासन करोड़ो रूपये खर्च करके  व्यवस्था सुधारने में जुटी है तो वही दूसरी तरफ निजी स्कूल शासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर रूपये कमाने में लगे है । शिक्षा सत्र के प्रारम्भ में कोसीर में गोल्ड स्टार पब्लिक स्कुल के नाम से एक इंग्लिस मीडियम  स्कूल कक्षा 1 से 8 तक की  शुरुआत हुई ।  जिसका कोई अता पता नहीं और स्कूल खोलकर बिना पंजीयन के क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर भोले भाले ग्रामीण लोगो को जाल में फांस कर आज 216  बच्चों के साथ स्कूल का संचालन किया जा रहा है वही संस्था में १० शिक्षक है और नर्सरी से कक्षा 7  वीं तक चल रही है ! यही नही संस्था ने ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नही लिए न ही स्थानीय समिति बनी स्कूल को संचालित करने के लिए जो आवश्य कागजात होनी चाहिए बिना पूरा किये स्कूल खोलकर बैठ गए है ।

जुलाई माह का 27 दिन पार होने के बाद भी कोई कागजात का न होना स्कूल संचालन पर प्रश्न चिन्ह लगाता है इसके साथ ही  चार हजार पांच सौ रूपये के दर से मोटी फ़ीस भी लेने का बात सामने आ रहा है लेकिन आज तक स्कुल पंजीयन का कोई जानकारी नही और लोगों के आँखों में धुल झोक्कर शिक्षा के नाम पर खुलेआम व्यापार को संचालन प्राचार्य द्वारा किया जा रहा है ।  स्कूल में बच्चों को भर्ती कराकर सैकड़ो स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का खेल शुरू किया जा चूका है इस ओर अभी तक किसी का ध्यान नही गया  गौरतलब हो की सारंगढ़ में डॉल्फिन नाम से एक बड़ी संस्था ने क्षेत्र के लोगों को लाखो का चुना लगाकर यहाँ से रफू चक्कर हो गये थे इस तरह शिक्षा के आड़ में दिन प्रतिदिन नये नये संस्था खुल रहे है और शिक्षा का व्यवसायी करण कर ग्रामीणों को उल्लू बना रहे है ऐसे ही संस्था ने  कोसीर में अपना संस्था शुरू कर क्षेत्र को अपनी चपेट में लेने का प्रयास किया है जिसके पास वर्तमान में दिखाने के लिए कुछ नही है और ग्रामीणों को अंग्रेजी  शिक्षा का लोभ दिखाकर स्कुल का संचालन किया जा रहा है गौर करने का विषय यह है जिस जगह पे किराए के मकान में स्कुल का संचालन हो रहा हा वहां न खेल मैदान है और न ही बच्चों के लिए पर्याप्त जगह है इस तरह बिना मापदंड के स्कुल का संचालन अपने आप में सब कुछ बंया कर रही है शिक्षा विभाग अब तक गहरी नीद में है अन्य राज्य के लोग छत्तीसगढ़ को व्यपार के लिए सुरक्षित जगह मानते है और चुपके से अपना कारोबार स्थापित कर क्षेत्र के जनता का शोषण करने में कोई कसर नही छोड़ते इसका उदाहरण आपको कोसीर में देखेने को मिल जायेगे समय रहते इस मामले में संज्ञान नही लिया गया तो भविष्य में कुछ भी हो सकता है सैकड़ो बच्चो का भविष्य तो खराब होगा ही साथ ही साथ लोग ठगी के शिकार भी होंगे प्राचार्य की माने तो अस्थायी स्कुल प्रबन्धन की कारगुजारी से तो आप और चौक जायेंगे क्योकि इस स्कुल में जब हमारे प्रतिनिधि जायजा लेने गये तो बात ये क्यों आये है तक आ गयी और प्राचार्य से सवाल जवाब हो गया क्या किसी संस्था में किसी को जानकारी लेने का अधिकार नही है इस तरह के मामले समाने आने से अंदाजा लगाया जा सकता है की दाल में कुछ तो काला है जो जाँच का विषय है अभिभावकों को सावधान होने की जरूरत है अपनी गाढ़ी कमाई तो जाएगी ही बच्चो का भविष्य भी खराब होगी समय रहते अभिभावकों को सज्ञान लेना चाहिए और शिक्षा विभाग को तत्काल संस्था पर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए कोसीर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो को समय रहते ध्यान देने की जरुरत है

[highlight color=”blue”]क्या कहते है कोसीर सरपंच[/highlight]

श्रीमती प्रेम बाई जायसवाल कोसीर ग्राम पंचायत दुवारा कोई अनुमति नहीं दिया गया है न हमारे कार्यालय से कोई अनुमति ली  गई है स्कुल के पंजीयन की जानकारी हमें नही है अगर पंजीयन नही है तो हमारे बच्चो के साथ अन्याय हो रहा है शिक्षा विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है !

[highlight color=”blue”]क्या कहते है सारंगढ़ विकास खंड शिक्षा अधिकारी व्ही के तिर्की [/highlight]

स्टार गोल्ड पब्लिक स्कुल के सम्बन्ध में जब फोन पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है हमारे यहाँ से किसी को भी स्कुल संचालन  की अनुमति नही दी जाती है जो भी अनुमति है जिला शिक्षा कार्यालय से दी जाती है

[highlight color=”blue”]नए स्कुल खोलने के पहले क्या करना होता है [/highlight]

स्कुल संचालन के पूर्व नए संस्था को चलाने के लिए ५० विन्दु पूरा करने के बाद ही अनुमति मिलती है और पंजीयन हो पाता है स्टार गोल्ड पब्लिक स्कुल ने तो न ग्राम पंचायत की अनुमति ली है न ही स्थानीय समिति बनी है और न ही शिक्षा विभाग की कोई अनुमति है इस तरह कोसीर में सीधा दुकान खोलकर बैठ गया है न ही शिक्षको की भर्ती के कोई विज्ञापन नही जारी की गई है  कुलमिलाकर शासन के नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है

[highlight color=”blue”]क्या कहते है स्टार गोल्ड पब्लिक स्कुल संस्था के प्राचार्य अनिल सोना [/highlight]

अनिल सोना कहते है मै बलांगीर उड़ीसा का हूँ  १० वर्ष से छत्तीसगढ़ में रह रहा हूँ पहले बलौदा बाजर जिला के पेन्ड्रावन के प्राची पब्लिक स्कुल में था कोसीर  क्षेत्र के लोग अंग्रेजी की शिक्षा के लिए सरसींवा तरफ जा रहे थे जिसकी जानकारी हुई तो मै कोसीर में स्कुल खोलने को सोचा ! स्कुल की पंजीयन पर जब चर्चा हुई तो उन्होंने कहा अभी हमारे पास कोई पंजीयन नही है !