Kolkata Rape Case : कोलकाता में दरिंदगी, संजय रॉय की बाइक की रजिस्ट्रेशन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, कोलकाता पुलिस पर उठे सवाल, जाँच में नया मोड़

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Kolkata Rape Case, Kolkata Rape-Murder Case, Kolkata CBI Investigation : हाल ही में कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में एक लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय की बाइक को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि संजय रॉय जिस बाइक का इस्तेमाल कर रहा था, वह कोलकाता पुलिस के कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर्ड है।

15 किमी तक नशे में बाइक चलाने का खुलासा

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय ने आठ-नौ अगस्त की रात उस बाइक का इस्तेमाल किया जो कोलकाता पुलिस कमिश्नर के नाम पर पंजीकृत है। रॉय ने इस बाइक को रेड लाइट एरिया में जाने के लिए इस्तेमाल किया और नशे की हालत में 15 किलोमीटर तक फर्राटा भरा। यह खुलासा पुलिस की बड़ी चूक को उजागर करता है। बाइक की पंजीकरण 2014 में हुई थी और सीबीआई ने इसे जब्त कर लिया है।

पुलिस में संजय रॉय की पहुंच और दत्ता कनेक्शन

संजय रॉय की कोलकाता पुलिस के एएसआई अनूप दत्ता से नजदीकी संबंध थे। सीबीआई ने दत्ता से लंबी पूछताछ की, जिसमें पता चला कि दत्ता से संबंधों के चलते रॉय को कई जगहों पर आसानी से प्रवेश मिल जाता था। दत्ता और रॉय के रिश्ते की जांच ने यह स्पष्ट किया कि रॉय की शक्तियों और प्रभाव को बढ़ावा देने में दत्ता का योगदान था।

कोलकाता पुलिस की प्रतिक्रिया

कोलकाता पुलिस ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सभी वाहनों का पंजीकरण कोलकाता पुलिस कमिश्नर के नाम पर किया जाता है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की जानकारी साझा करना उचित नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सामान्य प्रथा है और यह कहना कि आरोपी ने सीधे पुलिस कमिश्नर की बाइक का इस्तेमाल किया, सही नहीं है।

आगे की जांच

सीबीआई और अन्य संबंधित एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। संजय रॉय के खिलाफ आरोपों की पुष्टि के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस घटनाक्रम ने कोलकाता पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और इस मामले के न्यायिक समाधान के लिए अधिकारियों को गंभीरता से जांच करनी होगी।