जांजगीर-चांपा। जांजगीर नैला नगर पालिका राजस्व वसुली में काफी कमजोर हैं। जिले के अकलतरा,चांपा नगर पालिका से तुलना करे तो काफी हद तक पीछे चल रहा है. नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी का माने तो राजस्व की वसुली नही होने मुख्य कारण स्टाॅफ की कमी बताई जा रही है। जिसको दिखते हुए नगर पालिका अधिकारी ने राजस्व शाखा के स्टाॅफ को आदेश जारी करते हुए कहा कि पालिका में राजस्व की वसुली मे तेजी लाये अन्यथा सैलरी की कटौती की जायेगी।
जांजगीर नैला में नवंबर तक लोग प्रॉपर्टी टैक्स, पानी टैक्स, समेकित कर पटा रहे थे,लेकिन उसके बाद से लोगों ने टैक्स जमा करना बंद कर दिया है। अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है, तब से लेकर रिकवरी शुरू की जाती है, लेकिन लोगों का ध्यान कम रहता है इस वजह से टैक्स की राशि निकाय में कम आती है। वे लोग तत्काल जमा करते हैं जिन्हें या तो एनओसी लेनी होती है या घर बनाने की अनुमति या फिर चुनाव लड़ना हो तो। टैक्स रिकवरी में गति दिसंबर के बाद आती है, क्योंकि सरकार का भी दबाव रिकवरी पर रहता है, वहीं नियमित रूप से टैक्स पटाने वाले भी इन्हीं दिनों पटाते हैं।
अब देखना होगा कि नगर पालिका जांजगीर नैला के राजस्व की टीम पर अधिकारी के इस आदेश का कितना असर होता हैं। सीएमओ के इस आदेश के बाद राजस्व शाखा के स्टाॅफ अब अलर्ट हो गये है। वही अलमारी मे धुल खा रहे शहर के राजस्व मामले मे पेन्डींग नये पुराने केस की तलाश शुरू हो गई हैं। शहर के लोग भी टैक्स जमा करने मे काफी सुस्त है . बिना नोटिस के लोगो खुद से पालिका जाकर टैक्स जमा करने कोताही करते है। जिसके कारण नगर पालिका में समय पर राजस्व की वसुली नही हो पाती।