जांजगीर-चांपा। शासकीय अनुदान प्राप्त सरस्वती उच्चतर माधमिक शाला गोधना मे हुए नियम विरूध भर्ती में अब जिला शिक्षा अधिकारी कौशिक ने टीम गठित कर जांच के आदेश दिये हैं, जो पूरे मामले में जांच कर डीइ्र्रओ जांजगीर को जांच प्रतिवेदन देेगें। वही नियुक्ति हुए उम्मीदवारों का योग्यता सर्टीफिकेट की भी जांच होगी। इस दौरान उम्मीदवार जो नियुक्त के बाद तीन से चार माह का वेतन आहरण करने के बाद आगे के वेतन आहरण पर रोक लगा दी गई है। शिकायत के बाद दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की बात कही है।
आपको बता दे कि जिले के गोधना के शासकीय अनुदान स्कूल सरस्वती उच्चतर माधमिक शाला में नियम के विरूध शिक्षकों का भर्ती हुआ है। जहां के शिक्षकों को द्वारा कोरोना काल में गुपचुप ढंग से शिक्षक भर्ती कर लिया गया है। बताया जा रहा कि यहां कोरोना काल के दौरान बिना जिला शिक्षा अधिकारी के स्वीकृती के शिक्षक भर्ती के लिए विकेंसी निकाल चोरी छेपी साक्षात्कार लेेकर भर्ती किया जा रहा है। फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में शाला विकास समिति के अध्यक्ष के०के० सिंह एवं स्कूल के प्राचार्य तिवारी की भूमिका संदिग्ध लग रही है।
जिस स्कूल मे शिक्षकों की भर्ती हो रही है उस स्कूल के प्राचार्य को किसी प्रकार की जानकारी न होना शंका और बल मिल रहा है। स्कूल के शाला विकास समिति में 8 सदस्य है लेकिन सिर्फ गिनती कि तीन-चार लोगो को ही इस भर्ती प्रक्रिया के बारे में जानकारी है, बाकी शिक्षको सदस्य किसी प्रकार की शिक्षक भर्ती के बारे मे जानकारी होने से इंकार कर रहे है। पूरे मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक के जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि मामले की शिकायत मिली है। इस मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है, जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।