कोतवाल साहब की गुस्ताखी…आरोपी पर कार्रवाई करने के बजाए पत्रकारों को सिखा रहे हैं पत्रकारिता…!

जांजगीर चांपा। जांजगीर थाने के कोतवाल साहब की चर्चा इन दिनों शहर में खूब हो रही है. साहब अब आरोपियों को कार्यवाही करने के बजाय पत्रकारों को पत्रकरिता सीखने में लगे हुए. कोतवाली पहुंचने पर अपने वर्दी धौंस दिखाते हैं, कहते है कोतवाली में मेरी बगैर कोई भी पत्रकार फोटो नहीं खींच सकता नहीं वीडियो बना सकता है. अब कोतवाल साहब को कौन समझाए कि पत्रकारो को पत्रकारिता सीखने के बजाय अपने गिरेबान पर पहले झांके.
शहर में इन दिनों अवैध शराब,गांजा,जुआ खुले आम जारी हैं लेकिन इस पर कार्यवाही करने के बजाय पत्रकारों को ही पत्रकारिता सिखाने में लगे हैं. कोतवाली में कई ऐसे मामले आते हैं जिस पर कार्यवाही के बजाय फरियादी से मोलभाव कर मामला बनाया जाता हैं. जुआरियाओ से जुआ खिलाने के नाम मोटी लेनदेन की भी चर्चा हैं. मामला तब सामने आया जब शनिवार को शाम प्रार्थी संतोष कश्यप उम्र 38 वर्ष निवासी जर्वे च द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया कि आशीष अग्रवाल जो धान का खरीदी- बिक्री का कार्य करता था पूर्व में 124 कट्टी धान प्रार्थी से ले गया था जिसका पूर्ण भुगतान कर दिया था इसी विश्वास में दिनांक 11.09.2024 को 500 कट्टी धान आशीष कुमार अग्रवाल को प्रार्थी ने फिर बिक्री किया था जिसका आरोपी द्वारा अपनी पत्नी की चेक बुक में फर्जी हस्ताक्षर कर प्रार्थी को 3,55,000/रु का चेक दिया था। आरोपी द्वारा कई अन्य किसानो का भी धान खरीदी कर सभी किसानों को चेक दिया था। किसानों का चेक क्लीयरेंस नही हुआ तो आरोपी आशीष कुमार अग्रवाल से सम्पर्क किये जाने पर गोल मोल जवाब देता रहा किसानों ने ठगा महसूस करने पर इसकी शिकायत कोतवाली में करने गए तभी खबर मीडिया के लोगों की हुई तब मीडिया के लोग कोतवाली पहुंचे और खबर बनाने के लिए फोटोग्राफी करने लगे जिस पर कोतवाल साहब भड़क गए और उल्टा पत्रकारों के काम में हस्तक्षेप करते हुए फोटोग्राफी करने में मना करने लगे.और कहने लगे कि मेरे परमिशन के बगैर कोई फोटोग्राफी नहीं कर सकता। जब बात बढने लगी तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और पत्रकारों से माफी मांगने लगे. लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि पत्रकारों को अपना दायरा मालूम है, कोतवाल साहब अपने कोतवाली का ख्याल रखें उसी में उनका भलाई है.और पत्रकारों को पत्रकारिता करने दे, उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करें।