नई दिल्ली. सात राज्यों में जहां कोरोना वायरस के 1,367 मामले सामने आए हैं. इन राज्यों ने संकेत दिए हैं कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि खत्म होने के बाद भी उनके यहां प्रतिबंध जारी रहेंगे. यह देशभर में सक्रिय 4,421 मामलों में से लगभग एक-तिहाई मामले हैं. बता दें कि 14 अप्रैल को पूर्ण देशबंदी की अवधि समाप्त हो रही है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का कहना है कि वह अपने राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के पक्ष में हैं. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने संकेत दिया है कि वह अगले मंगलवार को पूरी तरह से लागू प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में नहीं हैं.
असम में 26 मामले सामने आए हैं. वह लॉकडाउन के बाद राज्य में प्रवेश करने की इच्छा रखने वालों को विनियमित करने के लिए एक पंजीकरण प्रणाली की योजना बना रहा है. महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा 748 मामले सामने आए हैं. वह मुंबई और पुणे के साथ-साथ हॉटस्पॉट क्षेत्रों में लॉकडाउन बढ़ा सकता है.
उत्तर प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि उनके यहां संक्रमितों की संख्या 305 है. जिसमें से 105 लोग वे हैं जो दिल्ली में तबलीगी जमात से किसी न किसी तरह जुड़े हुए हैं. राज्य में लॉकडाउन को खत्म करने पर अनिश्चितता बनी हुई है. राजस्थान में कोरोना के 288 मामले सामने आए हैं. वह उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों के निकलने की योजना बनाने को लेकर उलझन में है.
छत्तीसगढ़ में कोरोना के 10 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस फैलने की आशंका के चलते अंतरराज्यीय यात्रा को लेकर चिंता व्यक्त की है. केवल मध्यप्रदेश का विचार अलग है. यहां 165 मामले सक्रिय है. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि गेहूं खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो जाएगी.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘वायरस को रोकने के लिए हमारे पास लॉकडाउन के अलावा कोई और हथियार नहीं है. मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं. कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए. मैं तहेदिल से इसका स्वागत करता हूं. हमारी अर्थव्यस्था अगले छह महीने या एक साल में पटरी पर लौट सकती है. लेकिन लोगों की जिंदगी एक बार गई तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता.’