जबलपुर. देश में लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन यानी 4 जून को नीट यूजी (NEET UG Result) का रिजल्ट भी आया। अब इस रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। जबलपुर की रहने वाली छात्रा अमीषा वर्मा ने परीक्षा में भाई-भतीजावाद यानी नेपोटिज्म का आरोप लगाया है। साथ ही कई टॉपर्स के रिजल्ट पर भी सवाल खड़े किये हैं।
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट परीक्षा के परिणामों को एमपी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जबलपुर निवासी छात्रा अमीषा वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई। जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt) में सोमवार को सुनवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता छात्रा ने नीट परीक्षा में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
छात्रा आमीषा वर्मा को परीक्षा में 720 में से 615 नंबर मिले हैं। याचिका में एक कोचिंग सेंटर के 8 छात्रों के नाम और रोल नंबर एक समान होने हवाला दिया गया है। याचिका में बताए गए सभी 8 छात्रों को परीक्षा में शत प्रतिशत अंक मिलने का आरोप है। परीक्षा प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसमें एक ही कोचिंग संस्थान के 6 छात्रों को शत प्रतिशत अंक और दो को 718 और 719 अंक प्राप्त होने पर भी खड़े किए गए हैं।
नियम के मुताबिक उत्तर गलत होने पर 4 नंबर काटने का प्रावधान है। ऐसे में एक भी गलत जवाब होने पर 720 में से 716 नंबर मिलना चाहिए थे। याचिका में कहा गया था कि गलत उत्तर देने पर चार अंक काटे जाते हैं। दो छात्रों को 718 और 719 अंक कैसे मिल सकते हैं। उनका एक उत्तर गलत था तो चार नंबर काटकर 716 अंक मिलने चाहिए थे। सभी उत्तर सही थे तो 720 अंक मिलने चाहिए थे।
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