Horror Superstition, Superstition Crime, Tantra Mantra Superstition, Tantra Mantra, horror Crime :22 जून 2024 को गाजियाबाद के टीला मोड़ एरिया में एक सिर कटा शव मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। यह शव किसका है और किसके द्वारा हत्या की गई है, इसका पता लगाने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी।
शुरू में यह एक ब्लाइंड केस था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया है। इस जघन्य अपराध में शामिल मुख्य आरोपी विकास परमात्मा और उसके साथी धनंजय को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि विकास अभी फरार है।
मामले की शुरुआत और हत्या की योजना
पुलिस की जांच से पता चला कि हत्या की योजना एक तंत्र-मंत्र के लालच में बनाई गई थी। मुख्य आरोपी धनंजय बिहार का निवासी है, जो हाल ही में दिल्ली आया था और वहां खाना बनाने का काम करता था। धनंजय का दोस्त विकास उर्फ मोटा ने उसे बताया कि एक व्यक्ति की खोपड़ी का उपयोग कर वह पैसा कमा सकता है। विकास तंत्र विद्या में यकीं रखता है, उसने कहा कि परमात्मा ने उसे इसके लिए 5 लाख रुपये देने का वादा किया।
धनंजय ने इस लालच में आकर एक व्यक्ति की तलाश शुरू की, जो नशा करता हो ताकि उसे आसानी से अपने जाल में फंसाया जा सके। उसे दिल्ली के हमदर्द चौराहा क्षेत्र में राजू नामक एक युवक मिला, जो अक्सर नशे में रहता था। धनंजय ने राजू को अपने जाल में फंसाने के लिए कई बार मुलाकात की और फिर उसे 21 जून को अपने साथ ले जाकर शराब पिलाई। राजू को नशे की हालत में देखकर, धनंजय और विकास ने गमछे से उसका गला दबाकर हत्या कर दी।
शव की बरामदगी और पुलिस की कार्रवाई
हत्या के बाद धनंजय और विकास ने शव को दिल्ली के एक ऑटो में डालकर गाजियाबाद के टीला मोड़ एरिया में ले गए। वहां एक सुनसान स्थान पर शव को ऑटो से उतारकर मीट काटने वाले चाकू से सिर काट लिया। सिर को एक बाल्टी में डालकर धड़ को वहीं छोड़ दिया। इस जघन्य घटना की जानकारी 22 जून को मिली, जब पुलिस को लोनी भोपुरा रोड पर एक सिर कटा शव मिला।
पुलिस ने शव की पहचान और हत्या की जांच शुरू की, लेकिन शुरुआत में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। शव की पहचान के लिए पुलिस ने कई प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। एक धुंधली सीसीटीवी फुटेज मिली जिसमें एक ऑटो दिख रहा था। इस फुटेज में ऑटो का नंबर क्लियर नहीं था, लेकिन उसमें लगे ट्रायंगल शेप के रिफ्लेक्टर से पुलिस ने ऑटो की पहचान की। इस ऑटो के मालिक का नाम विकास उर्फ मोटा था।
सीसीटीवी फुटेज से केस का खुलासा
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि मामले की जांच में कई मुश्किलें आईं, लेकिन पुलिस ने हर छोटे-छोटे सुराग को जांचा। एसीपी सिद्धार्थ गौतम और टीला मोड़ थाने की फोर्स ने मिलकर मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने पहचान की और विकास उर्फ मोटा और धनंजय तक पहुंची।
जब पुलिस ने विकास और धनंजय से पूछताछ की, तो पता चला कि हत्या के बाद विकास ने सिर को 7 दिन तक तंत्र-मंत्र किया, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो उसने खोपड़ी को ठिकाने लगाने की बात कहकर फरार हो गया। पुलिस ने विकास को पकड़ने के लिए अभियान जारी रखा है।
इनाम की घोषणा
डीसीपी निमिष पाटील ने बताया कि इस कठिन केस को सुलझाने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय कुमार मिश्र ने 25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। इसके अलावा, डीसीपी ट्रांस हिंडन ने भी 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
इस मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम ने साबित कर दिया है कि वे किसी भी कठिन मामले को सुलझाने में सक्षम हैं। हत्या के दोषियों को पकड़ने और न्याय दिलाने की दिशा में की गई यह कार्रवाई न केवल कानून की जीत है, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय के प्रति विश्वास को भी मजबूत करती है।