अनावेदक द्वारा प्रकरण में धारा ४० का जवाब देते हुए प्रारंभिक आपत्ति की ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के जरिए २०१४-१५ में विधिवत ग्राम पंचायत का प्रस्ताव कर कार्य प्रारंभ कराया गया था। ग्राम पंचायत देवगांव के द्वारा किए गए निर्माण कार्य के संबंध में जिला पंचायत देवगांव के द्वारा किए गए निर्माण कार्य के संबंध में जिला पंचायत जांजगीर में किए गए पुर्नमूल्यांकन करने का आदेश किया था। जांच अधिकारी कार्यपालन अभियंता आरईएस द्वारा विधि विरूद्ध अनावेदक सरपंच को नोटिस दिए मनमाने ढंग से जांच रिपोर्ट दिया तथा जांच समिति द्वारा निर्माण कार्यों का निर्माण मापदंडों के अनुरूप बिना समुचित कार्रवाई एवं समुचित सदस्यों के बिना मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार किया गया। जिसके विरूद्ध अनावेदक द्वारा पुन: मूल्यांकन के लिए आयुक्त मनरेगा के आवेदन उचित मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया गया। पुर्नमूल्यांकन के आवेदन पर आयुक्त मनरेगा के द्वारा पुन: समुचित कार्रवाई करते हुए आदेश पारित किया गया। जिस पर पुर्नमूल्यांकन का आदेश पारित किया गया। जिस पर सोशल आडिट के माध्यम से ग्राम पंचायत सरपंच की उपस्थिति में की गई। कार्यपालन अभियंता द्वारा जांच की गई कार्रवाई को निरस्त किया गया। अनावेदक द्वारा अपनी प्रारंभिक आपत्ति में यह बताया गया है अनावेदक के द्वारा ग्राम पंचायत ४ फरवरी २०१५ को पंचायत चुनाव हो चुका है तथा वह दूजराम अजगल्ले ग्राम पंचायत निर्वाचित हुआ इसलिए धारा ४० स्वमेव औचित्यहीन हो जाता है। इसलिए धारा ४० की कार्रवाई प्रकरण समाप्त किया गया।
मालखरौदा ब्लॉक के देवगांव के पूर्व महिला सरपंच को मिला क्लीन चिट.. शिकायत की जांच निराधार पाया…
जांजगीर-चांपा। मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पंचायत देवगांव के पूर्व महिला सरपंच को प्रशासन ने क्लीन चिट दे दिया है। शिकायत की जांच निराधार पाया गया। इसके बाद ग्राम पंचायत में फिर से ग्रामीणों ने उसके पति को सरपंच चुन दिया है। ज्ञात हो कि देवगांव की पूर्व महिला सरपंच विमला बाई के ऊपर पंचायती राज अधिनियम की धारा ४० के तहत कार्रवाई के लिए शिकायत की गई थी। जिसमें पूर्व सरपंच को कारण बताओ नोटिस दी गई थी।