जांजगीर चांपा। (संजय यादव) जिला मुख्यालय में पुलिस ने आज एक कथित फर्जी संस्थान के पत्रकार पर पुलिस ने 151 के तहत कार्रवाई कर पुछताछ कर रही है। मामला जांजगीर कोतवाली का है जहां कथित दिल्ली क्रांइम भ्रष्ट्राचार विरोधी मोर्चा नाम से 4 लोग क्षेत्र मे अपने सदस्यता बनाने व्यसाय के लिए गांव के भोले भाले लोगो को अपने झासें मे लेकर 1500 रूपये शुल्क के साथ संस्थान में ज्वानिंग लेटर दे कर कमीशन के नाम पर काम करने का प्रलोभन दिया जा रहा था। जिसमें वे कामयाब नही हो पाये । गांव -गांव जाकर लोगो को इकटठा कर अपने प्रोडक्ट बेचकर ज्वानिंग कराते थें। तभी इसकी जानकारी पुलिस को लगी । इस काम मे दिल्ली से आये कथित पत्रकार को पुलिस थाने लाकर पुछताछ कर रही है वही उनका कागजात की जांच कर रही है। इस पुरे मामले में पुलिस ने कथित संस्थान के पंजीयन नंबर जांच कर उक्त पत्रकार के बारे जानकारी ले रही हैं।
गांव के भोले भाले लोग आते थे झांसे में….
उक्त संस्थान के सदस्य द्वारा गांव गांव जाकर कम पढे लिखे लोगो अपने झांसे में लेते थें । जिसके एवज मे संस्थान मे ज्वानिंग करने के लिए उनसे 1500 शुल्क लेकर और सदस्य बनाने की बात कही जाती थी। जिसके लिए वे कमीशन देते थें। ग्रामीण क्षेत्र मे अनजान लोग इनके झांसे मे आकर 1500 सौ रूपये देकर इस कंपनी का सदस्य बनते थे।
पत्रकारिता के नाम से करते थें कमाई …..
अपने संस्थान मे जुडने के लिए पहले गांव मे लोगो से संम्पर्क करते थे फिर एक दिन फिक्स कर मिटींग कर अपने संस्थान के बारे लोगो के बताते थे। उसके बदले सदस्य बनाने के लिए पत्रकार आई कार्ड, पेन,डायरी, स्टीगर, इस प्रकार अन्य प्रोडक्ट देकर पत्रकारिता की पाठ पढ़ाकर देश मे हो रहे भ्रष्ट्राचार रोकने की बात कर लोगो अपने बहकावे मे लेते थे। पर पुलिस के अनुसार इस संस्थान का पत्रकारिता से कोई नाता नही है। इनका काम चिंटफंड कंपनी जैसे एक व्यक्ति से जुडकर नीचे और ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति जोडने कर व्यवसाय करने की सीख दी जाती थी।
पुलिस की जांच मे फर्जी निकली संस्थान की पंजीयन नंबर…..
पुलिस ने जब दिल्ली से आये कथित पत्रकार को थाने लाकर पुछताछ करने लगी तब उस व्यक्ति ने पुलिस को गोलमोल जवाब देने लगाकर वही बार बार पुलिस को पत्रकारिता की परिभाषा सिखाने लगा तब पुलिस ने उनकी कागजात के साथ संस्थान की पंजीयन नंबर जांच उनके वेब साइड में जाकर जांच की तो वह फर्जी निकला।
पुरे प्रदेश मे फैलाकर रखा अपना नेटवर्क…
इस तरह उक्स संस्थान ने 1500 रूपये शुल्क लेकर अपने सदस्यता आई कार्ड देकर पुरे छ.ग. प्रदेश मे अपना नेटवर्ग फैलाकर रखा हैं । पत्रकारिता की नाम पर अपने कंपनी के लिए कमाई का एक धंधा बनाने के लिए गांव गांव घुम-घुम कर सदस्य बनाते है। इनके पुलिस ने जांच मे पाई की इस संस्थान का काम पत्रकारिता नही बल्कि व्यसाय के रूप में लोगे से रूपये एठने का एक माध्यम बनाने हुऐ है।
पुलिस ने उक्त व्यक्ति से पुछताछ कर रही है। वही जिला मुख्यालय के आसपास गांव के लोग में इस कंपनी के बारे में अनजाने में सदस्यता लेने की बात पुलिस से बताई। पुलिस ने उक्त व्यक्ति के बारे और लोगो के शिकायत के आधार पर कार्रवाई कर रही है।
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