फटाफट डेस्क – झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, कुछ दिनों पहले अपनी स्कूली शिक्षा की वजह से चर्चा में रहे है , क्यूंकि उन्होंने अभी हाल ही में 25 साल गैप के बाद 11वीं में दाखिला लिया है. बोकारो में नालाडीह के देवी महतो इंटर कॉलेज में. इसके बारे उन्होंने खुद मीडिया के सामने आकर जानकारी दी थी। और अब स्कूल फीस न देने की वजह से चर्चा में हैं. जगरनाथ महतो की नातिन चौथी कक्षा में पढ़ती है, जिसका नाम स्कूल वालों ने काट दिया है। नाम काटने का कारण यह है कि अप्रैल से अब तक की स्कूल फीस जमा नहीं की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री की नतिन दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ती है. स्कूल वाले अप्रैल से फीस मांग रहे थे. सितंबर आ गया. पर फीस जमा नहीं हुई. और इन छह महीनों की फीस कुल मिलाकर थी- 22,800 रुपये हो गई है। शुक्रवार, 18 सितंबर को जब उनकी नतिन ऑनलाइन क्लास के लिए बैठी तो वो कनेक्ट नहीं हो पाई. बाद में पता चला कि उनका ऑनलाइन क्लास की लिस्ट से नाम ही हटा दिया गया है। जब जगरनाथ महतो की बेटी ने यह बात अपने अभिभावक को बताई तो वे स्वयं नातिन के साथ स्कूल पहुंचे और फीस काउंटर पर खड़े होकर फीस जमा की। किन्तु स्कूल प्रबंधको से नाम काटे जाने की बात कही गई तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया,
मैं खुद फीस जमा करने गया. एक मंत्री के नाते नहीं, एक अभिभावक के तौर पर. और जब नाम काटने वाली बात पूछी, तो स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है। जगरनाथ महतो ने स्कूल में सुचना दी थी कि अभी उनसे फ़ीस न मांगी जाए, अभी उनके पास पैसे नहीं है लेकिन बच्ची की पढाई बाधित न की जाय , फिर भी स्कूल वालों ने बात नहीं मानी। वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल शैलजा जयकुमार ने मामले की जांच के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की है, जिससे सच क्या है, उसका पता चल सके। जाँच से पता चला की उनके द्वारा बच्ची का नाम नहीं काटा गया था। तत्पश्चात स्कूल प्रबंधक के तरफ से सिर्फ ट्युसन फ़ीस ली गई है उसमे स्कूल की फ़ीस को नहीं जोड़ी गई है।