जांजगीर चांपा: सक्ति पहले से ही सट्टा के नाम पर पूरे प्रदेश में चर्चित जगह है। लेकिन जिला बनने के बाद यहां के सटोरियों ने जिले को और बदनाम कर दिया है। पहले आईटी की रेड के कारण सक्ति जिले का चर्चा पूरे प्रदेश में रहा, अब यहां के धन्ना सेठों द्वारा काले धन छुपाने की चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में हो रही है। सक्ति जिला वैसे तो छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का विधानसभा क्षेत्र है लेकिन यहां के नेता अपने ही नेता का नाम खराब करने में लगे हैं। यहां के विधायक प्रतिनिधि से लेकर छुट भैया नेता के यहां आईटी का रेड पड़ने के बाद इनके सारे काले कारनामे की पोल खोल कर रख दिया है। सक्ति विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ चरणदास महंत के समर्थक एवं कांग्रेस के छुट भैया नेता यही काले कारनामे में संलिप्त रहते हैं। नेतागिरी करके अपने काले कारनामे को छुपाने की कोशिश में लगे रहते हैं। सक्ति में दर्जनों कांग्रेसी नेताओं के यहां आईटी रेड पड़ने के बाद पूरे प्रदेश में चर्चा रहा कि घर मे रखे कालेधन को छुपाने की कोशिश करने के बावजूद इनके काले कारनामे उजागर हो गए।
पुलिस के ऊपर लगता है आरोप
सक्ति जिला में सट्टा का कारोबार बड़े-बड़े महानगरों से जुड़ा हुआ है। बावजूद पुलिस अभी तक किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। जानकारी के बावजूद पुलिस के अफसर सटोरियों को अभय दान देकर छोड़ देते हैं। वही पुलिस तक भी महीने में बड़ी रकम पहुंचती है। जिसके कारण पुलिस भी कार्यवाही नहीं करती। जिसका नतीजा पूरे सक्ति में सट्टा जुआ वर्षों से फल फूल रहा है। फिलहाल अभी जिस कालेधन को छुपाने में सटोरियों द्वारा पुलिस की मदद ली थी वही पुलिस को मोटी रकम देने की चर्चा जो पूरे सक्ति में हो रही है इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सक्ति में पुलिस का दबदबा कितना है। बेखौफ होकर सटोरिए सट्टा खिलाने का काम करते हैं वही हर महीने पुलिस को भी महीना पहुंचाते ते हैं।
व्यापार व नेतागिरी की आड़ में करते हैं काले कारनामे
यहां नामी-गिरामी लोग व्यापार एवं नेतागिरी की आड़ में सट्टा खिलाने का काम करते हैं। वहीं नेतागिरी का धौंस दिखाकर पुलिस से भी बच जाते हैं जिसके कारण पुलिस भी कार्यवाही करने से डरती है। इनका मुख्य काम सट्टे का बड़ा कारोबार है लेकिन इसके आड़ में ठेकेदारी या व्यापार का काम से भी यह जुड़े होते हैं जिसके कारण पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती। व्यापार एवं नेतागिरी के ही सहारे यह अपने आप को बचाने की कोशिश करते हैं। इन सटोरियों का का तार मुंबई, कोलकाता तक जुड़ा हुआ है।