जांजगीर चांपा। जिले के सबसे बड़े जिला कार्यालय ही इन दिनों बदहाली की स्थिति में है। यहां का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल है। जिसके चलते बारिश का पानी रोड में बह रहा है। कलेक्ट्रेट कार्यालय आने वाले कर्मचारी एवं फरियादियों को पानी में चलकर जाना पड़ रहा है। जिसको लेकर भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लेकिन साहब का ध्यान इस ओर नहीं है,साहब तो एसी वाले चार पहिया गाड़ी में आना-जाना करते हैं उनका पैर खराब नहीं होता जिसके कारण उनको इस समस्या का ध्यान नहीं है। और ज्यादातर मीटिंग में व्यस्त रहते है। जिसके चलते वे अपने ही कार्यालय का समस्या का हल नहीं कर पा रहे हैं तो आम जनता का समस्या का हाल कैसे करेंगे समझ से परे हैं।
जब भी भारी बारिश होती है तब कलेक्ट्रेट परिसर लबालब पानी से भर जाता है। वही ड्रेनेज सिस्टम (नाली) नहीं होने के कारण रोड में पानी बहते रहता हैं जिसको लेकर आने जाने वालों को भारी परेशानी होती है। वही जिले का हाल तो छोड़ दीजिए पूरे जिला मुख्यालय के गली मोहल्ले में पानी भरा हुआ है। निकासी के लिए नाली निर्माण नहीं होने के कारण बारिश का पानी घर में घुस रहा है। नगर पालिका का इस ओर ध्यान है न ही जिला प्रशासन को कोई मतलब है। जनता खुद से अपनी व्यवस्था बनाने को मजबूर हैं । नगर पालिका के अधिकारी तो नींद में है। उनको सिर्फ अपनी 10 से 5 बजे तक ड्यूटी करनी है। जनता को अपने हाल में छोड़ दिया गया है। शहर में बेजा कब्जा से लेकर नाली की सफाई नहीं होने से मोहल्ले में गंदगी पसर गया है। जिससे कई प्रकार की गंभीर बीमारी भी होने लगे है। लेकिन नगर पालिका के अधिकारी को एसी कमरे से निकलने की फुर्सत नहीं है। जिसके चलते यह समस्या और भी बढ़ गई है। अब जिले की जनता खुद ही समस्या का हल खोजना शुरू कर दिया है। जिससे समस्या का हाल हो सके। अब प्रशासन से जनता का भरोसा उठ गया है।