जांजगीर चांपा। जांजगीर के हृदय स्थल कचहरी चौक के पास डॉ. भीमराव अंबेडकर मूर्ति अनावरण कार्यक्रम विवादों के साए में जाते दिख रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गढ़वाल द्वारा इस कार्यक्रम को लेकर बाकायदा निमंत्रण कार्ड भी छपवाया गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत मुख्य अतिथि एवं सांसद श्री मति कमलेश जांगड़े के अध्यक्षता में यह अनावरण कार्यक्रम 7 दिसंबर को होना तय हुआ है.
लेकिन कार्यक्रम के पहले ही विवाद शुरू हो गया है.कार्यक्रम को लेकर नगर पालिका अधिकारी प्रहलाद पाण्डेय का कहना है कि कार्यक्रम के बारे में नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गड़ेवाल ने किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी है.न हीं मेरे को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी है. वहीं दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गढ़वाल का कहना है कि कार्यक्रम के लिए निमंत्रण कार्ड छपवाया गया है जिसमें नगर पालिका जांजगीर नैला के द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस मूर्ति को बनवाने में लगभग 30 लाख से ज्यादा का लागत आया है. जिसमें नेताओं द्वारा राजनीति किया जा रहा है.
दूसरी ओर पूरे कार्यक्रम को लेकर भाजुमो के पदाधिकारीओ द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्यक्रम को रद्द करने एवं अध्यक्ष खिलाफ कार्रवाई करने की लिखित में मांग की है.उनका कहना है कि कार्यक्रम में नपा अधिकारी को जानकारी नहीं है, न हीं किसी भी भाजपा पार्षदों को इस कार्यक्रम में निमंत्रण दिया गया है. नगर पालिका के अध्यक्ष द्वारा अपनी मनमानी से कार्यक्रम को किया जा रहा है. कार्यक्रम का रूपरेखा जिला प्रशासन के द्वारा तय किया जाता है. लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास अपने जिद्द के कारण मनमानी करने में लगे हुए है. अब देखना होगा कि जिस कार्यक्रम के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास को मुख्य अतिथि बनाया गया है क्या इस तरह की विवाद के बावजूद डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम में आएंगे. हालांकि सांसद शीतकालीन सत्र में दिल्ली में है, इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच रही है. लेकिन नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत एवं कांग्रेसी विधायक इस कार्यक्रम शामिल होंगे यह 7 दिसंबर को ही पता चल पाएगा.
अब पूरे कार्यक्रम को लेकर भाजपा युवा मोर्चा भी नपा अध्यक्ष के खिलाफ खुलकर सामने आ गया हैं. कार्यक्रम की शिकायत जिला प्रशासन से किया गया है. शिकायत है कि शहर में विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण जिला प्रशासन के निर्देश में रूपरेखा तय किया जाता है. नगर पालिका अध्यक्ष की मनमानी से तय नहीं होता.इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री से भी किया गया है.