अम्बिकापुर. शहर के दो लापता व्यवसायियों की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल अम्बिकापुर ब्रह्मपारा निवासी सौरभ अग्रवाल और सुनील अग्रवाल शुक्रवार की शाम 08 बजे अपने क्रिस्टा वाहन से घूमने जा रहे हैं कहकर निकले थे. दोनों रिश्ते में चचेरे भाई थे. दोनों रात हो जाने के बाद भी घर वापस नहीं लौटे. जिसके बाद दोनों के वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने कोतवाली पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.
जिसकी जाँच करते हुए कोतवाली पुलिस ने शनिवार की शाम. दोनों के लापता होने के 24 घंटे बाद उनकी क्रिस्टा कार पुराना रोजगार कार्यालय के पास सब्जी मार्केट के पास से बरामद की. पुलिस ने कार खुलवाकर जाँच की तो कार से पर्स, एटीएम और मोबाइल बरामद किया गया. इधर 24 घंटे बाद दोनों युवकों के लापता होने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म था. मामले की गंभीरता को देखते हुए. एसपी आशुतोश सिंह ने जाँच के लिए टीम गठित की. और शनिवार की रात 10 बजे तक मामले की जाँच करते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लिया..और घटना में दोनों व्यवसायियों की हत्या करने की बात सामने आई. जिसका रविवार को एसपी आशुतोश सिंह ने खुलासा किया.
एसपी ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए. बताया की मृतक सौरभ अग्रवाल ने 02 करोड 70 लाख मे आरोपी आकाश गुप्ता का ब्रह्मपारा स्थित घर खरीद लिया था. लेकिन शुरुआत में मात्र 01 करोड 23 लाख रकम दिया था. आरोपी आकाश ने 2018 मे घर को तीन हिस्से को बेचा था. जिसके बाद मृतक के परिवार लगातार घर खाली करवाने की बात कर रहा था..और आरोपी बचे हुए हिसाब की बात करने लगे.
लॉक डाउन के दौरान आरोपी और मृतक लगातार कैरम बोर्ड खेलते और शराब पीते थे. श्रवण यादव उर्फ़ सिद्दार्थ जो पहले 376 और चोरी के मामले मे फरवरी मे बेल पर छूटा हुआ है. श्रवण यादव की आर्थिक स्थिति खराब होने से प्रलोभन मे आ गया और मार्च के दूसरे सप्ताह मे एक और आरोपी रमेश अग्रवाल से संपर्क किया..और हथियार लाया. फ़िर शिव पटेल से संपर्क कर. एक पिस्टल और तीन कारतूस 90 हजार, 30 हजार की पिस्टल और तीस हजार मे गोली का सौदा किया.
पहले इन लोगो का इरादा शौरभ अग्रवाल को किडनैप कर ब्लैक मेल करने का था. लेकिन परिस्थिति बदली और इन्होंने अपना इरादा बदलते हुए. सौरभ को किनारे लगाने की सोंची. जिसके लिए 5 तारिख सॆ ही गड्ढा करना शुरू किए. धीरे धीरे ग्राउण्ड फ्लोर की कोठरी मे 5 फिट गड्ढा खोदा..मारने का इरादा सौरभ अग्रवाल का था..लेकिन सौरभ आरोपी के घर हमेशा अपने चचेरे भाई सुनील अग्रवाल के साथ जाता था..तभी शुक्रवार को आरोपी आकाश गुप्ता के घर सुनील अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल और आरोपी श्रवण यादव उर्फ सिद्दार्थ शराब सेवन कर रहे थे..तभी आरोपी श्रवण यादव ने सबसे पहले सुनील अग्रवाल के सिर पर गोली मारी. जिससे सौरभ भागने लगा..तो आकाश ने सौरभ को पकड कर गुप्ती मारी..और फिर जब वो गिर गया तो..श्रवण ने सौरभ को भी गोली मार दी. जिससे दोनों की मौत हो गई. और शव को घर के पीछे कमरानुमा बरामदे में दफना दिया.
जिसके बाद पुलिस को घुमाने के लिए शहर मे मृतक की इनोवा क्रिस्टा को घुमाता रहा. फिर पुराने रोजगार कार्यालय के पास छोड दी. गाड़ी मे जब एटीएम और पर्स मिला तो पुलिस का शक बढा. तो पुलिस ने आकाश और श्रवण को गिरफ्तार कर पूछताछ की..तो उन्होंने प्रापर्टी के विवाद मे हत्या करने की बीत कबूल ली..पुलिस ने टीम बनाई जिसमॆ हथियार बेचने वाले और हथियार देने वालो को भी हिरासत मे लिया गया है.
पुलिस को मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता ने बताया कि. उसने वर्ष 2016 में सौरभ अग्रवाल के पिता से ब्याज पर रक़म ली थी. जिसका चुकाते हुए वो 50 लाख दे चुका था..और उससे 10 लाख की अतिरिक्त माँग की जा रही थी. उसका घर भी देने का दबाव बनाया जा रहा था. उसने ज़मीन बेची थी. उसका पैसा भी उसे पूरी तरह नहीं दिया जा रहा था. जिससे वो प्रताड़ित महसूस करने लगा. पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक़ उसने पहले सौरभ अग्रवाल को अपहरित कर फिरौती की योजना बनाई थी. बाद में उसने हत्या की योजना बना ली.
इस कार्रवाई में एसडीपीओ चंचल तिवारी, कोतवाली प्रभारी विलियम टोप्पो, गांधीनगर थाना प्रभारी राहुल तिवारी सहित साइबर सेल की टीम सक्रिय रही.