Health Tips: दोपहर को सोने की आदत, जिसे आम तौर पर ‘पावर नैप’ या ‘सीस्टा’ कहा जाता है, ये राहत पाने का एक शानदार जरिया है. जब हम सुबह काम करते-करते थक जाते हैं, तो थोड़ी देर सोने की जरूरत महसूस होती है. हालांकि इस आदत को लेकर कई तरह की बातें की जाती है, कोई कहता है दिन में सोने में कोई बुराई नहीं, लेकिन काफी लोग ये भी कहते हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए. आइए डॉ. इमरान अहमद से जानते हैं कि दोपहर में नींद लेना अच्छा है या बुरा.
दोपहर को सोने के फायदे
1. एनर्जी का लेवल बढ़ता है
दोपहर को सोने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और सतर्कता में सुधार होता है. एक छोटा पावर नैप,तकरीबन 20-30 मिनट का, आपके शरीर को फिर से सक्रिय कर सकता है और आपके ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि कर सकता है. ये खास तौर से उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो लंबे समय तक काम करते हैं या जिनकी नींद रात में पूरी नहीं हो पाती.
2. मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार
दोपहर को सोने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है. ये मेमोरी, सीखने की क्षमता और क्रिएटिविटी को बढ़ाता है. जब हम सोते हैं, तो हमारा मस्तिष्क नई जानकारी को प्रोसेस करता है और उसे याददाश्त में संरक्षित करता है.
3. बेहतर मूड
दोपहर को सोने से मूड में सुधार होता है. ये तनाव को कम करने और मेंटल रिफ्रेशमेंट को बढ़ाने में मदद करता है. जो लोग दोपहर में सोते हैं, वे अधिक शांत और सकारात्मक महसूस करते हैं.
4. दिल की सेहत
कुछ रिसर्च ये बताते हैं कि दोपहर को सोने से हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ये ब्लड प्रेशर को कम करने और कोरोनरी डिजीज के जोखिम को घटाने में मदद कर सकता है.
दोपहर को सोने के नुकसान
1. रात की नींद पर असर
दोपहर को अधिक देर तक सोने से रात की नींद पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर आप दोपहर को बहुत देर तक सोते हैं, तो रात में सोने में मुश्किल हो सकती है. ये स्लीप साइकिल को डिस्टर्ब कर सकता है और नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकता है.
2. स्लीप इनर्शिया
ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप नींद से जागने के बाद थोड़ा समय के लिए सुस्ती महसूस करते हैं. अगर आप दोपहर को गहरी नींद में चले जाते हैं और अचानक उठते हैं, तो आप स्लीप इनर्शिया का अनुभव कर सकते हैं, जिससे तुरंत एक्टिव होना मुश्किल हो सकता है.
3. अधिक सोने का खतरा
कुछ लोगों के लिए, दोपहर का सोना एक नियमित आदत बन सकती है और वे धीरे-धीरे इसे अधिक समय तक बढ़ा सकते हैं. यह आदत कभी-कभी आलस्य को बढ़ावा दे सकती है और दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकती है.
दोपहर की नींद को अच्छा मानें, या बुरा?
दोपहर की नींद अगर सही तरीके से ली जाए, तो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है। एक छोटा पावर नैप (20-30 मिनट) एनर्जी, सतर्कता और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है. हालांकि, इसे आदत बनाने से पहले अपनी निजी जरूरतों और डेली एक्टिविटी को ध्यान में रखना जरूरी है. अगर आपको रात में सोने में दिक्कत होती है, तो दोपहर में सोने से बचना बेहतर हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
इन्हें भी पढ़िए –छत्तीसगढ़ से कौन बनेगा केंद्रीय मंत्री? इन तीन दिग्गज नेताओं में से किसी एक को मिल सकता है मौका
IND vs PAK: आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते, विराट कोहली फिर से उधेड़ेंगे पाकिस्तान की बखिया
इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, चिलचिलाती गर्मी के बीच मानसून लेकर आया राहत की खबर
मोदी मंत्रिमंडल में इन महिला सांसदों को भी मिल सकती है जगह, इनका कट सकता है पत्ता
Modi 3.0 Cabinet: सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग, क्या भाजपा ने RLD चीफ को अपमानित किया?