Diamond Treasure : यहां मिला ब्रह्मांड का सबसे बड़ा खजाना, मिली 15 किलोमीटर मोती हीरे की परत, छिपे हैं कई राज

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Science News, Diamond Treasure, Mercury Diamond Treasure : साइंस में एक बड़ा खुलासा किया। इसके तहत हीरे की एक मोटी परत पाई गई है। जिसका इस्तेमाल कई सवालों के जवाब के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्रहण के गठन प्रक्रिया और उनकी संरचनाओं पर भी बड़ा खुलासा हो सकता है। ऐसे में इस ग्रह पर शायद ‘ब्रह्मांड का सबसे बड़ा खजाना’ मौजूद हो सकता है। नई स्टडी बताती है कि बुध की सतह से सैकड़ों मील नीचे हीरे की एक मोटी परत हो सकती है।

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बुध ग्रह पर हीरे की अद्वितीय परत की खोज ने वैज्ञानिक समुदाय में एक नया उदाहरण स्थापित किया है जो इस छोटे ग्रह की गहराईयों में छिपी रहस्यमयी संरचनाओं के बारे में अहम जानकारी प्रदान कर सकती है।

9 मील (14+ किलोमीटर) नीचे हीरे की एक मोटी परत

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार, बुध की सतह से लगभग 9 मील (14+ किलोमीटर) नीचे हीरे की एक मोटी परत हो सकती है। यह खोज बुध के भीतरी गहराइयों की संरचना और उनमें चिपी रहस्यमयी विशिष्टताओं को समझने में मदद कर सकती है।

इस रिसर्च में साझीकर्ता डॉ. यानहाओ लिन ने बताया कि बुध के गहरे कोर में कार्बन समृद्ध हीरे या ग्रेफाइट की परत बनने की संभावना है। यह खोज उन अहम प्रश्नों के जवाब देने में मदद कर सकती है जो ब्रह्मांड से जुड़े हैं, जैसे कि ग्रहों की गठन प्रक्रिया और उनकी संरचनाएँ।

बुध ग्रह, जिसे अपनी छोटी साइज और चुंबकीय क्षमता के लिए जाना जाता है, अद्वितीय रूप से अपनी संरचना के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके चुंबकीय क्षेत्र अत्यंत कमजोर होते हुए भी, यह धातुओं और कार्बन के विशेष धब्बों से भरा होता है जिन्हें नासा के मिशन ने ग्रेफाइट के रूप में पहचाना है।

बाहरी क्रस्ट में क्रिस्टलाइज्ड

बुध ग्रह की गठन प्रक्रिया के बारे में वैज्ञानिकों के बीच में विवाद भी है। वे मानते हैं कि बुध अन्य स्थानीय ग्रहों की तरह बना हो सकता है, जिसमें गर्म मैग्मा के स्थानीय ठंडा होने से यहां उपस्थित धातुओं की गठन हुई हो। विशेष रूप से, वे सोचते हैं कि बुध का महासागर कार्बन और सिलिकेट से समृद्ध था, जो पहले मेंटल और बाहरी क्रस्ट में क्रिस्टलाइज्ड हो गया।

बुध की आंतरिक संरचना की अध्ययन

वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर मॉडलिंग का भी इस्तेमाल कर बुध की आंतरिक संरचना की अध्ययन किया है, जिससे वे बुध के कोर और मेंटल की सीमा पर दबाव और तापमान की सटीक माप कर सकते हैं। इस अध्ययन के अनुसार, बुध के भीतर ऐसी स्थितियाँ हो सकती हैं जहां कार्बन हीरे में क्रिस्टलाइज्ड हो सकता है, यह भी दिखाता है कि बुध की कोर-मेंटल सीमा पर दबाव और तापमान की स्थितियों में ऐसे क्रिस्टलाइजेशन हो सकता है।

बुध की सतह पर मौजूद हीरे का खनन संभव नहीं

इस अध्ययन से हमें यह भी पता चलता है कि बुध की सतह पर मौजूद हीरे का खनन संभव नहीं है, क्योंकि इसकी तापमान बहुत अधिक होती है। बुध का तापमान दिन के समय 800 डिग्री फारेनहाइट (430 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है, जिसके कारण हीरे की गहराइयों में स्थिति अधिक अस्थिर होती है।