जांजगीर-चांपा। जाज्वल्यदेव की नगरी जांजगीर में वर्षो से चली आ रही जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं कृषि एग्रीटेक में मेला को करोना वायरस संक्रमण के संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए स्थगित किया जा रहा हैं। जांजगीर शहर में इस महोत्सव की शुरूवात कृषि एग्रीटेक मेला के नाम से 2000-2001 में हुई थी। लेकिन बाद में 2002 से इस आयोजन को और भी भव्य बनाने के लिए जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एंव कृषि एग्रीटेक मेला का नाम दिया गया है।
शुरूवाती दौर से आज तक यह आयोजन को स्वरूप व भव्यता देखते-देखते एक बड़े महोत्सव नाम प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशो तक भी पहुचीं। इस मेले में जिले के अलावा पूरे प्रदेश से किसान कृषि संबंधी जानकारी के लिए जांजगीर पहुंचते थे। जहां कृषि संबंधी सभी प्रकार की तकनीकी उपकरणो की जानकारी का लाभ किसान उठाते थे। वही जिले की कला संस्कृति को बढावा देने के लिए संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन होता था। लेकिन कुछ वर्षो से अपसरशाही कहे या राजनीति की वजह से यह आयोजन फिका होते जा रहा है। शुरूवाती दौर मे पूरे प्रदेश मे एकलौता ही जांजगीर चांपा जिला रहा है जहां कृषि मेले का आयोजन होता रहा है।
लेकिन अफ़सरो की उदासीनता के कारण दिनो दिन मेले मे रौनक कम हो रही है.. और अब इस मेले के आयोजन को लेकर ग्रहण भी लगने शुरू हो गए है। आयोजन के लिए लाखो रूपये खर्च भी हो गये है निमत्रण कार्ड बट गये है। यहाँ तक की कलाकारो का कार्यक्रम भी तय हो गये है। अब उस खर्चे का क्या होगा जो इस आयोजन के लिए हुए है। शहर के कई वरिष्ठ कला प्रेमी, सहित्यकार, किसानो का मेहनत इस आयोजन को शुरू करने मे लगा था। अब वह धीरे-धीरे धुलता जा रहा है। इस वर्ष करोना वायरस के वजह से यह आयोजन को जिला प्रशासन ने तय तिथि से स्थगित कर दिया है।
बड़ा सवाल यह है कि …क्या किसी भी आयोजन को स्थगित करने के इस तरह के कारण सही हो सकते है ?…अगर हां! तो बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टैशन या सिनेमा हाॅल, स्कूल काॅलेज, बैंक, शासकीय, निजी कार्यालय सभी को बंद कर देना चाहिए… या बड़ा सवाल है ? इस तरह शहर की कला, संस्कृति से जुडी आयोजन को स्थगित करना कहा तक सही है। जिला प्रशासन को इस आयोजन को स्थगित करने के बजाय इस आयोजन के जरिए लोगो में जागरूकता लानी चाहिए… वायरस से बचने के उपाय बताना चाहिए। वायरस चेक करने उपकरण लगानेे चाहिए न की आयोजन को स्थगित करना चाहिए।