
@संजय यादव
जांजगीर चांपा। विधानसभा चुनाव के दौरान जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह एकतरफा जीत हासिल किया था. जिसके चलते जांजगीर चांपा लोकसभा के सभी आठ विधानसभा में कांग्रेस के विधायक चुनकर आए, और बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया. लेकिन विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव, निकाय एवं पंचायत चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई. जिले में नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरण दास महंत नेतृत्व पूरा चुनाव लड़ा गया लेकिन नेता प्रतिपक्ष के ही क्षेत्र में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई.और कांग्रेस पूरी तरह बिखर गया।

अब जब जिले में बीजेपी के एक भी विधायक नहीं है लेकिन जनपद एवं जिला पंचायत क्षेत्र से लेकर नगरी निकाय में बीजेपी ने अपना कब्जा जमा लिया है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत के नेतृत्व का लाभ इस बार कांग्रेस पार्टी को नहीं मिला. जिसके चलते कांग्रेस और कमजोर हो गई. न ही सिटिंग एमएलए ने अपने विधानसभा क्षेत्र में किसी तरह अपना दबाव बनाया,इसके चलते कार्यकर्ता पूरी तरह बिखर गए कांग्रेस कमजोर हो गई. जिसका परिणाम निकाय,जनपद,जिला पंचायत चुनाव में देखने को मिला।
लोकसभा के आठ विधानसभा में कांग्रेस की विधायक होने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र अपना दमखम नहीं बना पाए. कमजोर नेतृत्व एवं अलग थलक पड़े संगठन के कारण निकाय एवं पंचायत चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई. ज्यादातर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत क्षेत्र में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा. जिसके कारण बीजेपी को आसानी से वाक ओवर मिल गया.या कहे कांग्रेस बीजेपी के सामने घुटने टेक दिए. आने वाला समय अब कांग्रेसी विधायकों के लिए बड़ा कठिन होगा. क्योंकि जिस तरह निकाय एवं पंचायत चुनाव में भाजपा की जीत हुई है उसे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह एवं जोश देखा जा रहा है. अब पार्टी इसी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी और अपने कार्यकर्ताओं एवं जनता के बीच अपनी पकड़ बनाएगी। सरकार की योजना को लेकर हर घर तक पहुंचेगी. जिससे कांग्रेस और कमजोर होता जाएगा। निकाय एवं पंचायत चुनाव के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत के नेतृत्व जिले के विधायकों में एकजुटता दिखाई नहीं दिया. सब अलग-अलग दिखाई दिए, नेता प्रतिपक्ष ने भी अपने विधायकों को एकजुट करने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई, न हीं कार्यकर्ताओं को एकत्र करने में अपनी ताकत लगाई, जिसके चलते पूरे जिले में कांग्रेस बिखरा हुआ नजर आया जिसका परिणाम निकाय एवं पंचायत चुनाव में दिखा।